रांची: हाइकोर्ट की ओर से एसओपी जारी किये जाने के बाद रांची सिविल कोर्ट में 21 जनवरी से फिजिकल कोर्ट में सुनवाई का निर्णय लिया गया है।
फिलहाल रांची में एक चौथाई अदालतें फिजिकल मोड में काम करेंगी।
जबकि बाकी अदालतों में वर्चुअल माध्यम से ही मुकदमों की सुनवाई की जाएगी।
इस निर्णय से रांची सिविल कोर्ट के वकीलों में खुशी की लहर है।
करीब 9 महीनों बाद एक बार फिर रेगुलर कोर्ट में सुनवाई शुरू होने से उनमें काफी उत्साह देखने को मिल रहा है।
रांची में कुल 40 अदालत हैं। जिनमें से 10 अदालतों में फिजिकल सुनवाई करने का निर्णय लिया गया है।
इसके लिए सिविल कोर्ट के प्रधान न्यायायुक्त ने रांची जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर फैसला लिया।
फिजिकल कोर्ट शुरू होने के साथ ही हाजिरी लगाने की प्रक्रिया की शुरुआत भी कर दी गयी है. झारखंड हाईकोर्ट समेत राज्य के सभी जिला अदालतों में फिजिकल सुनवाई की तैयारी अब तेजी से हो रही है।
फिजिकल कोर्ट में सुनवाई के लिए एसओपी जारी कर दी गई है।
एसओपी के मुताबिक हाईकोर्ट की गाइडलाइन के तहत अदालतों में मुकदमों की सुनवाई के दौरान सभी नियमों का पालन करना होगा।
फिजिकल कोर्ट में सुनवाई शुरू करने के पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी कोविड-19 यूजर मैनुअल का ट्रेनिंग लेना जरूरी करने और सभी फिजिकल और वर्चुअल कोर्ट के लिए अलग-अलग लिस्ट जारी करने का निर्देश दिया गया है।
कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए फिजिकल सुनवाई के लिए अदालतों को तीन कैटेगरी में बांटा गया है।
जिन जिलों में कोरोना के 50 प्रतिशत से कम केस सक्रिय हैं, वहां आधे कोर्ट फिजिकल और आधे कोर्ट में सुनवाई वर्चुअल माध्यम से की जाएगी।
जिला जज रोटेशन के आधार पर फिजिकल और वर्चुअल कोर्ट तय करेंगे।
साथ ही विषयवार और कैडर के अनुसार कोर्ट की व्यवस्था भी करेंगे। जिन जिलों में कोरोना वायरस के 50 से 100 केस सक्रिय हैं, वहां एक तिहाई फिजिकल और दो तिहाई वर्चुअल कोर्ट बैठेगी।