रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कहा कि मिशन का संक्रमण काल में आदिवासी, पिछड़ों, अल्पसंख्यक समेत अन्य के लिए सराहनीय सहयोग रहा। झारखंड में शिक्षा के स्तर को देखा जाये, तो 50 प्रतिशत से अधिक योगदान मिशन का रहा है। मिशन स्कूल और कॉलेज में अनुशासन और सम्मान के साथ शिक्षा दी जा रही है।
उन्होंने कहा कि गोस्सनर कॉलेज ने अपने 50 स्वर्णिम वर्ष पूर्ण कर लिये हैं। इसके लिए सभी छात्रों और शिक्षकों को शुभकामनाएं। यहां दी जा रही अच्छी शिक्षा का परिणाम है कि कॉलेज में 28 विभाग हैं और यहां हजारों छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। बच्चों को तराशने में शिक्षक बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।
मुख्यमंत्री गोस्सनर कॉलेज के 50वें स्वर्णजयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड शिक्षा के अभाव में पिछड़ापन का दंश झेल रहा है। राज्य में बेहतर शिक्षा के लिए सरकार ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं।
झारखंड पिछले डेढ़ वर्ष से संक्रमण में फंसा रहा। अब समय सामान्य हो रहा है। इससे शिक्षा भी प्रभावित हुई। ऑनलाइन क्लास का सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। ये बच्चों के लिए चुनौती लेकर खड़ा है, लेकिन झारखंड जैसे राज्य में इस महामारी के खिलाफ लड़ा, वह सराहनीय है।
गौरतलब है कि एकीकृत बिहार के समय एक नवंबर 1971 से अल्पसंख्यक समाज को शिक्षित करने के उद्देश्य से रांची में गोस्सनर कॉलेज की शुरुआत बेथेसदा स्कूल कैंपस से की गयी थी। यह कॉलेज अब 28 डिपार्टमेंट, 200 से ज्यादा कर्मचारी और 13000 विद्यार्थियों का रूप ले चुका है।
इस मौके पर कोलेबिरा विधायक विक्सल कोनगाड़ी, खिजरी विधायक राजेश कच्छप, जीबी चेयरमैन गोस्सनर कॉलेज जोहान डांग, गोस्सनर कॉलेज के सचिव डॉ सीपीएस लुगुन, गोस्सनर कॉलेज की प्रोफेसर इंचार्ज इलानी पूर्ति, इतिहास विभाग के डॉ बलबीर केरकेट्टा, रांची यूनिवर्सिटी के पदाधिकारीगण, जीईल चर्च के बिशप एवं छात्र उपस्थित थे।