रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार झारखंड के किसानों की भावनाओं के अनुरूप कार्य करते हुए उन्हें समृद्ध बनाने का निरंतर प्रयास कर रही है।
इसी कड़ी में सोमवार को दस जिलों में 14 राइस मिल की आधारशिला राज्य सरकार द्वारा रखी जा रही है।
झारखंड में फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स को बढ़ावा देकर यहां के किसानों को उनके उपज का उचित मूल्य उपलब्ध कराना हमारी सरकार की प्राथमिकता है।
संसाधनों की कमी के कारण हमारे किसान भाईयों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
मुख्यमंत्री सोमवार को झारखंड मंत्रालय स्थित सभागार में 14 राइस मिल के शिलान्यास कार्यक्रम में बोल रहे थे।
शिलान्यास कार्यक्रम प्रोजेक्ट भवन सचिवालय में आयोजित किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार फसलों के रख-रखाव, स्टोरेज एवं मिलिंग सहित सभी कड़ियों को ध्यान में रखते हुए संसाधनों को दुरुस्त करने का कार्य कर रही है।
हमारी सरकार राइस मिल्स, अन्य फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स सहित पशुपालन, मत्स्य पालन के क्षेत्र में भी लगातार आगे बढ़ रही है।
किसान के हाथों में उत्पादन की शक्ति
हेमन्त सोरेन ने कहा कि झारखंड कृषि प्रधान राज्य है। यहां लगभग 70 प्रतिशत लोग खेती-बाड़ी पर निर्भर हैं।
राज्य की सर्वांगीण उन्नति में असल कुंजी हमारे किसान ही हैं। किसान वह वर्ग है, जिनके हाथों में उत्पादन की शक्ति होती है और इन्हीं हाथों को अपनी कल्याणकारी योजनाओं से मजबूत करने का प्रण राज्य सरकार ने लिया है।
मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि राज्य में राइस मिलों की कमी के कारण किसानों को उनकी उपज का पर्याप्त मूल्य नहीं मिल पाता था।
राइस मिलों के खुलने से अब उन समस्याओं पर विराम लगेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम 10 जिलों में 14 राइस मिल का शिलान्यास कर रहे हैं, लेकिन इन 14 राइस मिल से हम लोगों का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकेगा, इसके लिए हमें कम से कम राज्य में 100 की संख्या में राइस मिल्स यूनिट लगाने होंगे तभी लक्ष्य को पूरा किया जा सकेगा।
हमारी सरकार इस दिशा में धीरे-धीरे आगे बढ़ रही है। हमारा प्रयास है कि आज जिन-जिन प्रक्षेत्र में राइस मिल का शिलान्यास हो रहा है, ये सभी यूनिट्स जल्द से जल्द बनकर किसानों की सेवा में समर्पित किया जा सके। उन्नत कृषि, समृद्ध किसान हमारी सरकार का संकल्प है।
बेहतर फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी के तहत निवेशकों को प्रोत्साहित कर रही सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी के तहत झारखंड इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी द्वारा निवेशकों को रियायती दरों पर जमीन मुहैया करायी जा रही है।
निवेशकों को राज्य में प्रोसेसिंग यूनिट्स स्थापित करने निमित्त राज्य सरकार कई प्रकार से उन्हें प्रोत्साहित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नए और आधुनिक राइस मिल खुलने से राज्य के किसानों के साथ-साथ झारखंड की अर्थव्यवस्था को भी एक बड़ा सहयोग मिलेगा।
राइस मिलों के स्थापित होने से बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
एक साथ 14 राइस मिल का शिलान्यास राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है
इस अवसर पर खाद्य आपूर्ति व सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग के मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि मैं आज बहुत प्रसन्न हूं कि राज्य के विभिन्न जिलों में 14 राइस मिल का शिलान्यास हुआ है।
इस कार्य के लिए मैं मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को बधाई देता हूं। किसानों की समस्याओं को देखते हुए राज्य में एक साथ 14 राइस मिलों का शिलान्यास होना सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि राज्य में राइस मिल की सख्त जरूरत है। राइस मिल के अभाव में राज्य के किसानों को अपनी फसल दूसरे राज्यों में मिलिंग के लिए भेजनी पड़ती थी।
उन्होंने कहा कि झारखंड में दाल मिल, आटा मिल सहित अन्य फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स स्थापित करने की आवश्यकता है, तभी यहां के किसानों को फसलों का उचित मूल्य मिल सकेगा।
मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रत्येक क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रही है।
निवेशकों को अनुकूल माहौल उपलब्ध करा रही राज्य सरकार
मौके पर उद्योग सचिव पूजा सिंघल ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी की विस्तृत जानकारी रखी।
सचिव पूजा सिंघल ने बताया कि जियाडा अंतर्गत प्रक्षेत्रवार पलामू जिला के कुर्मीपुर, सिमडेगा जिला के गरजा एवं हेठमा, खूंटी जिला के टिमड़ा एवं कालामाटी, गुमला जिला के कसीरा एवं कोनबीर, गढ़वा जिला के कुशमाही, लातेहार के जलता, पश्चिमी सिंहभूम जिला के चैनपुरखास एवं सियालजोड़ा, धनबाद जिला के देवियाना, बोकारो जिला के मिर्धा एवं गोड्डा जिला के गोवर्धनपुर में राइस मिल यूनिट्स का शिलान्यास आज मुख्यमंत्री के कर कमलों से किया जा रहा है।
उद्योग सचिव ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में खाद्य प्रसंस्करण नीति के तहत झारखंड में निवेशकों को अनुकूल माहौल उपलब्ध कराया जा रहा है।
उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण नीति से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी उपलब्ध करायी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, खाद्य आपूर्ति व सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव हिमानी पांडे, उद्योग निदेशक जितेंद्र कुमार सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।