रांची: झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र के चौथे दिन मंगलवार को झारखंड विधानसभा में मॉब लिंचिंग बिल लाया गया।
इससे पहले राहुल गांधी ने अपने ट्विटर पर लिखा कि 2014 से पहले मॉब लिंचिंग जैसे शब्द नहीं थे। इसके बाद भाजपा के विधायकों ने राहुल गांधी के खिलाफ जमकर निशाना साधा।
सदन के बाहर भाजपा विधायक सीपी सिंह ने कहा कि 1984 में दिल्ली के अंदर सिख समुदाय के हजारों लोगों को मार दिया गया और जिंदा जला दिया गया।
उस समय मॉब लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल नहीं होता था। लेकिन जब से एक विशेष समुदाय के लोगों के साथ इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। चाहे वह चोरी करने के आरोप में और प्रतिबंधित मांस ले जाने के विरोध में हत्या कर दी गयी।
अब लिंचिंग सब लोगों को खटकने लगा है। हालांकि, सीपी सिंह ने ये भी कहा कि घटना जैसी भी हो किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए।
लेकिन लिंचिंग शब्द को भी लाने वाले कांग्रेस और वामपंथी दल के लोग हैं। उन्होंने इरफान अंसारी के बयान पर पूछे गए सवाल पर कहा कि समझ में नहीं आता है आप लोग कहां से इतना बड़का नेता को खोज निकाले हैं मैं उसकी चर्चा नहीं करना चाहता। वह क्या बोलता है और क्या नहीं बोलता।
कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि सच पूछा जाए तो 2014 से पहले मॉब लिंचिंग जैसे घटनाएं नहीं होती थी लेकिन जब से भाजपा की केंद्र में सरकार बनी है मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ी हैं। ऐसे में राहुल गांधी ने जो लिखा है, उसमें इंकार नहीं किया जा सकता है।
सदन के बाहर विधायक राज सिन्हा ने चुटकी लेते हुए कहा कि राहुल गांधी क्या कहते हैं उन्हें खुद ही नहीं पता रहता है। इसलिए राहुल गांधी की बातों को भाजपा दूध भात मानती है। राहुल गांधी सिर्फ बेतुकी और बिना सिर पैर के बात करते हैं।
उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि 2014 से पहले मॉब लिंचिंग जैसे शब्द नहीं थे।