रांची: प्रदेश कांग्रेस के तत्वावधान में मंगलवार को पार्टी कार्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि मनाई गयी। मौके पर उनके चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित की गयी।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री कठिन से कठिन परिस्थिति का सामना करने एवं समस्याओं को सुलझाने की क्षमता रखते थे।
शास्त्री का जीवन बहुत ही कठिनाइयों से भरा जीवन रहा है। इस अनुभव ने उनके हृदय में गरीबी के प्रति एक असीम करूणा भरी थी। पिछड़े वर्गों, उपेक्षित तथा आश्रयहीन व्यक्तियों को ऊपर उठाने में उनकी विशेष रूचि रही थी।
वक्ताओं ने कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में पहली बार 1951 में जब भारतीय गणतंत्र का मंत्रिमंडल बना उसमें शास्त्री रेल और परिवहन मंत्री बनाये गये।
उनके कार्यकाल में छोटे-छोटे स्टेशनों का निर्माण और विकास हुआ तथा हजारों मिल लम्बी नई रेल की पटरियां बिछायी गयी।
इंजन, माल गाड़ियां तथा सवारी गाड़ियों के डिब्बों के वर्कशॉप बने। तीसरी श्रेणी के यात्रियों की सुख-सुविधा देने आदि का कार्य उनके ही मंत्रित्वकाल में हुआ।
वक्ताओं ने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री उच्च कोटि के विचारक, प्रशासन और राजनीतिज्ञ थे। वे शासन के प्रमुख पदों पर रहे।
लेकिन सत्ता और शक्ति का त्यागपूर्वक उपभोग एवं मानवता में अटूट विश्वास ही शास्त्री का धर्म था। शास्त्री आज सभी समान कांग्रेसजनों के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं।
इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, राकेश सिन्हा, सतीश पाॅल मुंजनी, अमुल्य नीरज खलखो, आभा सिन्हा, नेली नाथन आदि उपस्थित थे।