रांची: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के ऐतिहासिक रामगढ़ अधिवेशन की याद में पार्टी ने शनिवार को यादों की गोद में स्मरणोत्सव दिवस मनाया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने सबसे पहले पटेल चौक पर सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
इसके बाद में उन्होंने प्रखंड कार्यालय में देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और सुभाष चौक स्थित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पार्टी के नेताओं को याद किया।
इसके बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गांधी घाट पहुंचे जहां उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को नमन किया।
इस मौके पर कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, बन्ना गुप्ता, विधायक ममता देवी, दीपिका पाण्डेय सिंह, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे आदि उपस्थित थे।
समाधि स्थल पर गांधी के दो अनमोल भजन रघुपति राघव राजा राम एवं वैष्णव जन गाया एवं समाधि स्थल का फेरा लगाया गया।
इस मौके पर उरांव ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में कांग्रेस पार्टी की बड़ी भूमिका रही है।
कांग्रेस पार्टी की स्थापना से लेकर आजादी के संघर्ष और इसके बाद देश निर्माण में कांग्रेस की भूमिका इतिहास में हमेशा स्वर्ण अक्षरों में लिखी जाएगी।
उन्होंने कहा कि जिन महान देशभक्तों के संघर्ष और बलिदान से देश को आजादी मिली उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। पार्टी आज भी उनके दिखाए रास्ते पर चलने के लिए कृत संकल्पित है।
पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि वर्ष 1940 में 18 से 20 मार्च तक आयोजित तीन दिवसीय कांग्रेस महाधिवेशन में ही भारत छोड़ो आंदोलन की बुनियाद रखी गई थी।
लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि देश को आजादी मिलने के बाद जब राष्ट्रपिता बापू की हत्या कर दी गई तो उनकी इच्छा के अनुरूप बापू कीअस्थियों को रामगढ़ लाया गया था और दामोदर नदी के तट पर अस्थियां विसर्जित की गई थी।
आज भी रामगढ़ का गांधी घाट उनकी याद दिलाता है।
राजेश गुप्ता ने कहा कि दामोदर नदी के किनारे जंगलों के झुरमुट में इस अधिवेशन के लिए सैकड़ों पंडाल लगाए गए थे और जिस उत्साह के साथ पार्टी के स्वयंसेवकों ने इस महाधिवेशन को सफल बनाने में सहयोग दिया था, उसे हमेशा याद रखा जाएगा।