रांची : कोरोना वायरस एक बार फिर झारखंड को अपनी चपेट में लेता जा रहा है। राज्य में कोरोना संक्रमण मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
अकेले 29 दिसंबर को झारखंड के 17 जिलों में कुल 344 कोरोना संक्रमित मरीज मिले। इससे राज्य के स्वास्थ्य विभाग समेत राज्य सरकार की चिंता बढ़ गयी है।
आशंका यह भी जतायी जा रही है कि राज्य में ओमीक्रोन के मामले भी सामने आ सकते हैं। हालांकि, इसकी पुष्टि के लिए रिम्स ने कोरोना संक्रमितों के 34 सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भुवनेश्वर स्थित आईएलएस भेजे थे।
उन सैंपलों की जांच रिपोर्ट भी आ चुकी है, जिसमें राहत वाली खबर यह है कि इनमें से 33 सैंपल में ओमीक्रोन का एक भी केस नहीं मिला है। वहीं, एक सैंपल को लैब ने रिजेक्ट कर दिया है।
रिम्स के माइक्रो बायलॉजी विभाग के एचओडी डॉ मनोज कुमार ने बताया कि जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए दिसंबर महीने में 34 सैंपल भुवनेश्वर स्थित आईएलएस भेजे गये थे।
गुरुवार को उन सभी की जांच रिपोर्ट आ गयी। रिपोर्ट में किसी भी सैंपल में ओमीक्रोन वेरिएंट नहीं पाया गया है। उन्होंने बताया कि 13 दिसंबर को भेजे गये आठ सैंपल में से एक में डेल्टा वेरिएंट पाया गया है।
वहीं, छह में दूसरे वेरिएंट ऑफ कंसर्न पाये गये हैं। एक सैंपल तकनीकी कारणों से रिजेक्ट कर दिया गया है।
गौरतलब है कि पिछले एक हफ्ते से रांची समेत झारखंड के कई जिलों में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 29 दिसंबर को रिम्स में मिले 33 कोरोना संक्रमितों में कई डॉक्टर्स भी शामिल हैं।
उन सभी का सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भुवनेश्वर स्थित आईएलएस भेजे जायेंगे।
दिसंबर महीने की शुरुआत में झारखंड में कोविड-19 के एक्टिव मामलों की संख्या लगभग 100 थी, लेकिन दिसंबर के अंत होते-होते यह आंकड़ा नौ गुना बढ़कर 929 तक पहुंच चुका है।