रांची: राजधानी के कांके थाना क्षेत्र स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पॉस्को की विशेष अदालत ने 12वें नाबालिग आरोपित को दोषी मानते हुए गुरुवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
अदालत ने आरोपित पर 60 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई सुनवाई में विशेष जज ने यह सजा सुनाई। अदालत में पुलिस की ओर से प्रस्तुत साक्ष्यों और गवाहों के बयान के अलावा वैज्ञानिक और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर नाबालिग आरोपित को दोषी करार दिया गया।
अदालत ने इस जघन्य अपराध के लिए नाबालिग आरोपित को अपहरण, गैंगरेप और अपराधिक साजिश रचने का दोषी ठहराते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई।
उल्लेखनीय है कि 26 नवम्बर, 2019 को सामूहिक दुष्कर्म की घटना हुई थी।
इसके बाद स्पीडी ट्रायल के तहत 97 दिन में ही मामले का ट्रायल पूरा कर 11 दोषियों को सजा सुनाई गई थी।
मामले में प्रधान न्यायाधीश नवनीत कुमार ने वर्ष 2020 में 11 दोषियों कुलदीप उरांव, सुनील उरांव, नवीन उरांव, बसंत कच्छप, रवि उरांव, रोहित उरांव, सुनील मुंडा, संदीप उरांव, अजय मुंडा, राजन उरांव और ऋषि तिर्की को आजीवन कारावास और 50-50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया था।
बाकी बचे एक आरोपित को नाबालिग पाया गया था। उसके मामले को जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड स्थानांतरित कर दिया गया।
जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड से मामले को ट्राइल कोर्ट भेजा गया, जहां नाबालिग को दोषी करार दिया गया।