Ranchi CUJ Vice Chancellor Prof. KB Das: झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय (CUJ) में दक्षिण कोरिया के यूनिवर्सिटी (South Korea Universities) में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स भी जल्द नजर आएंगे।
कोरिया की तीन यूनिवर्सिटियों और CUJ के बीच मंगलवार को इस संबंध में शैक्षणिक MOU किया गया है। CUJ कुलपति प्रो. केबी दास (Pro. KB Das) बीते दिनों दक्षिण कोरिया के दस दिवसीय दौरे से भारत लौटे हैं।
कोरिया यात्रा के दौरान उन्होंने दक्षिण कोरिया के तीन विश्वविद्यालयों हंगुक विदेशी भाषा अध्ययन विश्वविद्यालय, केम्योंग विश्वविद्यालय एवं बुसान विदेशी भाषा अध्ययन विश्वविद्यालय का दौरा किया।
साथ ही भारत की उभरती अर्थव्यवस्था, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति एवं कोरियाई छात्रों के लिए भारत का महत्व जैसे विषयों पर व्याख्यान देने के साथ समझौता ज्ञापन सौंपा।
प्रो. केबी दास ने कहा कि यह दौरा सीयूजे के शैक्षणिक विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है एवं इसके दूरगामी परिणाम से जल्द ही छात्र लाभान्वित होंगे। खासकर हंगुक भाषा अध्ययन विश्वविद्यालय एवं बुसान विदेशी भाषा अध्ययन विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों को यह आश्वस्त किया कि ऑनलाइन अध्यापन के साथ-साथ सीयूजे कोरियाई छात्रों को ऑफलाइन अध्यापन के लिए भी पूर्ण रूप से तैयार है। इस शैक्षणिक दौरे की सफलता के रूप में बहुत जल्द ही कोरियाई छात्र झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय के प्रांगण में अध्ययन करते नजर आएंगे।
शशि मिश्रा ने कहा…
प्रो दास के साथ गए हुए सुदूर पूर्व भाषा के प्राध्यापक शशि मिश्रा (Shashi Mishra) ने कहा कि हंगुक विश्वविद्यालय के साथ अनेक तरह के शैक्षणिक कार्य साथ में किए जा रहे हैं। खास तौर पर टैंडम कक्षा, जिसमें 12 कोरियाई छात्र एवं 12 सीयूजे के छात्र विगत तीन सेमेस्टर से भाषा आदान-प्रदान करते चले आ रहे हैं।
शिक्षा जगत में यह अनूठी पहल है। इस कक्षा के माध्यम से दोनों विश्वविद्यालयों के छात्र भाषा अदान-प्रदान के साथ अनेक विषयों पर अपना विचार अदान-प्रदान करते हैं, जिससे छात्रों को काफी शैक्षणिक लाभ मिला है।
उन्होंने कहा कि समझौता ज्ञापन के तहत झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रतिवर्ष हंगुक विश्वविद्यालय के छात्रों को हिन्दी भाषा की पढ़ाई भी करवा रहा है। कोरियाई छात्रों के बीच में यह पाठ्यक्रम खासा लोकप्रिय है।
क्योंकि, रोजगार प्राप्ति की दिशा में यह बहुत ही कारगर साबित हो रहा है। बुसान एवं CUJ ने समझौता ज्ञापन के तहत ग्लोबल को-ऑपरेशन सेंटर की भी स्थापना की गई है।