रांची: रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने गुरुवार को राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार से संबंधित मामलों की समीक्षा बैठक आयोजित की।
बैठक में उपायुक्त ने लंबित दाखिल-खारिज की अद्यतन स्थिति, भू-अर्जन, प्रमाण पत्रों से संबंधित लंबित मामलों, भूमि सीमांकन आदि की विस्तार से समीक्षा की।
बैठक के दौरान उपायुक्त ने अंचलवार म्यूटेशन और सीमांकन की समीक्षा की। इस दौरान पीपीटी के माध्यम से उपायुक्त ने सभी अंचलों के प्रदर्शन की जानकारी लेते हुए रिजेक्शन प्रतिशत ज्यादा रहने के कारण के बारे में पूछा।
रिजेक्शन परसेंटेज ज्यादा होने के कारण उपायुक्त ने कई सीओ के वेतन स्थगित करने और शोकॉज करने का निर्देश दिया।
म्यूटेशन के ज्यादा मामले लंबित रहने के कारण उपायुक्त ने अंचलाधिकारी हेहल, रातू, और सोनाहातू को शोकॉज करने का निर्देश दिया।
उपायुक्त ने सीओ हेहल का वेतन स्थगित करने को भी कहा। सीओ रातू को रिजेक्टेड म्यूटेशन के बारे में विस्तृत जानकारी देने का निर्देश उपायुक्त द्वारा दिया गया।
सीाओ को शोकॉज करने का निर्देश
उन्होंने कहा कि म्यूटेशन किस कारण रिजेक्ट किया गया, इसकी जानकारी दें। उपायुक्त ने अगली बैठक में म्यूटेशन के मामले को लेकर अंचलवार प्रोफाइल उपलब्ध कराने को कहा ताकि सीओ, सीआई और हल्का कर्मचारी के लॉगिन में कितने मामले लंबित हैं, इसकी समीक्षा की जा सके।
सीमांकन के मामलों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने जिन अंचलों में रिजेक्शन प्रतिशत ज्यादा था, संबंधित सीाओ को शोकॉज करने का निर्देश दिया।
उपायुक्त ने चान्हो, नामकुम और अनगड़ा सीओ को शोकॉज करते हुए वेतन स्थगित करने का निर्देश दिया।
उपायुक्त ने जिले के विभिन्न अंचलों में सीमांकन से संबंधित मामलों के ज्यादा रिजेक्शन को लेकर टीम गठित करने का निर्देश दिया।
उपायुक्त ने कहा कि अपर समाहर्ता, अपर समाहर्ता नक्सल, एसडीओ सदर एवं बुंडू, डीसीएलआर एवं एसएआर एक टीम गठित करें। यह टीम प्रत्येक अंचल में जाकर रिजेक्शन की जांच करेगी।
30 दिन से ज्यादा लंबित मामलों को लेकर कड़ी नाराजगी जताई
प्रमाण पत्रों के लंबित मामलों की समीक्षा करते हुए उपायुक्त ने 30 दिन से ज्यादा लंबित मामलों को लेकर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने राइट टू सर्विस एक्ट के तहत 30 दिन से ज्यादा लंबित मामलों को लेकर संबंधित सीाओ के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
अनगड़ा, नगड़ी, नामकुम, बुढ़मू, रातू, सिल्ली, तमाड़, कांके के अंचल अधिकारियों द्वारा उनके डेट ऑफ जॉइनिंग से कितने मामले का निष्पादन किया गया, इसकी जानकारी देने को कहा। उन्होंने कहा कि सभी सीओ से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगे।
प्रमाण पत्रों के निर्गत करने में डिस्टिक एवरेज टाइम से ज्यादा समय लगाने पर उपायुक्त ने अनगड़ा, कांके, बुढ़मू और इटकी सीओ को रिमाइंडर भेजने का का निर्देश दिया।
उपायुक्त ने विभिन्न पदाधिकारियों के एसएआर कोर्ट में कितने मामले लंबित हैं, हर महीने कितने मामलों का निष्पादन हो रहा है। इसकी रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया।