रांची: झारखड हाईकोर्ट ने गुरुवार को सांसद और विधायकों के खिलाफ सांसद-विधायक कोर्ट में लंबित मामलों का जल्द निपटारा करने का निर्देश दिया है।
जिन मामलों में गवाही पूरी कर ली गई है और मामला बहस के स्टेज पर है उन मामलों को तीन महीने में निपटाने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट ने धनबाद में साल 1996 के मामले में 23 में से अब तक सिर्फ एक की गवाही होने पर नाराजगी जाहिर की है। सरकार को इस पर गौर करने को कहा है।
अदालत ने कहा है कि अगर गवाहों को कोर्ट में पेश नहीं किया गया, तो मामलों की सुनवाई और निपटारा जल्द नहीं हो पाएगा।
कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि कई मामलों में गवाह कोर्ट में गवाही देने नहीं पहुंच रहे हैं। उनको कोर्ट लाने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है।
उनके पास इसके लिए क्या योजना है। इसकी जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से अदालत में दाखिल की जाए। इस मामले में अगली सुनवाई चार फरवरी को होगी।
कोर्ट ने कहा कि सरकार एक योजना बनाए कि लंबित मामलों में गवाहों की गवाही दर्ज कराने के लिए क्या-क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
इस मामले में अदालत ने केंद्र सरकार के अधिवक्ता को भी अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट में रहने का आदेश दिया है।
कई माननीयों के खिलाफ दर्ज हैं केस
कई जनप्रतिनिधियों के खिलाफ सीबीआई, इनकम टैक्स और ईडी की ओर से भी प्राथमिकी दर्ज की गई है।
राज्य के छह जिलों में सांसद-विधायक कोर्ट का गठन किया गया है, जहां पर इनके खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई जारी है।
जिन जगहों पर सांसद-विधायक कोर्ट गठन किया गया है, उसमें रांची, धनबाद, डाल्टनगंज, दुमका, हजारीबाग और चाईबासा शामिल है।