रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने रजरप्पा स्थित मां छिन्नमस्तिका मंदिर के बगल में भैरवी नदी के तट पर दोनों तरफ पर्याप्त संख्या में नहाने के लिए स्थायी घाट बनाने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा (Sanjay Kumar Mishra) की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने बुधवार को जनहित याचिका पर अपना फैसला सुनाया है।
तट निर्माण को लेकर याचिका दाखिल
भैरवी नदी (Bhairavi River) के तट पर नहाने का घाट बनाने, चेंजिंग रूम बनाने, मंदिर के आसपास पर्याप्त संख्या में टॉयलेट निर्माण को लेकर याचिका दाखिल की गई थी।
याचिका में कहा गया कि मां छिन्नमस्तिका मंदिर के निकट भैरवी नदी के तट के दोनों तरफ स्थाई चेंजिंग रूम नहीं होने से खासकर महिला श्रद्धालुओं को काफी परेशानी होती है।
वर्षा के समय नदी में काफी पानी रहता है, जिससे स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को दुर्घटना का सामना करना पड़ता है। कोर्ट ने दिशा-निर्देश देते हुए याचिका निष्पादित कर दी।
सड़क को अतिक्रमण मुक्त करने की मांग
कोर्ट ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि मंदिर से स्नान घाट पहुंचने वाली सड़क को अतिक्रमण मुक्त (Encroachment Free) किया जाये। भैरवी नदी के दोनों तरफ के घाट पर पर्याप्त संख्या में चेंजिंग रूम बनाये जायें और वहां स्वच्छता का ध्यान रखा जाये।
मंदिर के आसपास भैरवी नदी के घाट के दोनों तरफ लाइटिंग की समुचित व्यवस्था हो। मंदिर के पास स्थित क्यू कॉम्प्लेक्स में टॉयलेट और वॉशरूम को जिला प्रशासन मेंटेन रखे।
कोर्ट ने कहा…
कोर्ट ने कहा है कि रामगढ़ डीसी जिम्मेदार अधिकारियों की एक टीम बनाई जाए, जो मंदिर क्षेत्र का निरीक्षण कर यह पता करे कि यहां सभी जेंडर के लिए पर्याप्त संख्या में वेटिंग हॉल, पर्याप्त संख्या में टॉयलेट की व्यवस्था है या नहीं।
अगर इसकी कमी है, तो इसके लिए स्थान चिन्हित किया जाये। साथ ही यह भी देखा जाये कि टॉयलेट निर्माण मंदिर के सौंदर्य़ीकरण के रास्ते में ना आये। मंदिर क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए पेयजल की समुचित व्यवस्था हमेशा उपलब्ध रहे। मेडिकल सुविधा के तहत फर्स्ट एड की व्यवस्था रहे।