रांची: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने मोतियाबिंद और ग्लूकोमा के कारण 80 प्रतिशत लोगों के नेत्र विकार से ग्रस्त होने की जानकारी दी है, जिसे दूर करने के लिए नेत्रदान सबसे जरूरी है।
देशभर में 109 आई बैंक हैं, जबकि झारखंड में पांच आई बैंक है। कार्निया ट्रांसप्लांट की व्यवस्था को बेहतर बनाने की जरूरत है।
बन्ना गुप्ता बुधवार को रिम्स के ट्रामा सेंटर में आयोजित नेत्रदाताओं के सम्मान समारोह में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि जल्द ही झारखंड में क्षेत्रीय कार्निया डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम लागू किया जाएगा। इसे लेकर सरकार तैयारी कर रही है।
उन्होंने बताया कि दान किए हुए कार्निया का सही इस्तेमाल हो और जरूरतमंदों को कार्निया मिल सके। इसे लेकर हर संभव कदम उठाया जाएगा।
उन्होंने रिम्स आई बैंक की तारीफ करते हुए कहा कि यहां के डॉक्टरों और कर्मचारियों के प्रयास से एक वर्ष में 64 दिन नेत्रदान किए जा चुके हैं। इसमें से 20 लोगों का कार्निया उपयोग में लाया जा सका है।
सम्मान समारोह में नेत्रदाताओं के परिवारों को सम्मानित किया गया। 20 लोगों को आमंत्रित किया गया था।
इसमें से दस परिवार के लोग कार्यक्रम में शामिल हुए और अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए डॉक्टरों का धन्यवाद दिया।
इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री ने डॉक्टर और कई स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
उन्होंने कहा कि उनके बिना नेत्रदान जैसे कार्यक्रम को पूरा कर पाना संभव नहीं हो पाता।
इस अवसर पर रिम्स के निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद, डॉ डीके सिन्हा, डॉ राजीव गुप्ता, डॉ दीपक कुमार, डॉक्टर विवेक कश्यप आदि उपस्थित थे।