रांची: पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व में जारी किये गये कई विज्ञापनों को रद्द कर कर दिया है। इनमें कई ऐसे भी थे, जिनके संबंध में चयन की प्रक्रिया भी पूरी कर ली गई थी।
इसके अलावा नये सिरे से नई नियमावली इत्यादि बनाकर नए सिरे से नियुक्तियां करने के लिए विज्ञापन जारी किया जा रहा है।
नए विज्ञापन जारी करने के क्रम में उम्र सीमा से संबंधित कट ऑफ डेट को भी बदल दिया गया है।
ऐसे में लाखों अभ्यर्थियों के सामने अवसर परीक्षा में बैठने के मौके सीमित होने की आशंका बन गयी है। दास ने सरकार के ऐसे फैसलों पर आपत्ति जतायी है।
उन्होंने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल में यह माना गया था कि राज्य के गठन के बाद कई वर्षों तक विभिन्न पदों पर नियुक्तियां नहीं की जा सकी थीं।
अधिक से अधिक युवाओं, अभ्यर्थियों को परीक्षाओं में शामिल होने का मौका मिले। इस उद्देश्य से 2010 अथवा 2016 को कट ऑफ डेट निर्धारित किया गया था।
उसी कट ऑफ डेट के आधार पर 2019 तक विज्ञापन निकाले गए। इसमें अभ्यर्थी शामिल भी हुए।
कई मामलों में सफल भी हुए लेकिन अब राज्य सरकार ने कट ऑफ डेट को बदलकर 2021 कर दिया है। इसमें भारी संख्या में अभ्यर्थी चयन प्रक्रिया से बाहर हो गये हैं।
राज्य सरकार के सभी विज्ञापनों में यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि सारी नियुक्तियां रमेश हांसदा के मामले में होने वाले निर्णय से प्रभावित होंगी।
जाहिर है कि रमेश हांसदा के मामले में हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी भी की है कि राज्य के द्वारा बनाई गई नियमावली असंवैधानिक है।
ऐसे में नियुक्तियों का विज्ञापन जारी कर और नियुक्तियों के लिए प्रक्रियाओं को आरंभ कर राज्य सरकार झारखंड के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।