अलविदा 2021 : झारखंड में इन खास कामयाबियों की बदौलत राष्ट्रीय फलक पर चमका अबुआ राज

News Aroma Media
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रांची: झारखंड साल 2021 कई असाधारण उपलब्धियों का गवाह बना। राज्य की पारंपरिक विधाओं के साथ जमीन से जुड़ी शख्सियतों ने न सिर्फ बड़े पैमाने पर लोगों का ध्यान खींचा बल्कि, राष्ट्रीय फलक पर अपनी अमिट छाप छोड़ी।

खेल, साहित्य, स्वास्थ्य, शिक्षा, राजनीति, समाजसेवा और कला सहित विभिन्न क्षेत्रों में झारखंड ने अपना परचम लहराया। झारखंड की ऐसी ही उपलब्धियों पर पेश है एक रिपोर्ट।

समाजसेवा में छुटनी देवी को मिला पद्मश्री सम्मान

डायन प्रथा के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाली सरायकेला-खरसावां जिले के गम्हरिया प्रखंड के बीरबांस गांव निवासी 62 साल की छुटनी महतो को राष्ट्रपति ने देश का प्रतिष्ठित सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया।

एक समय ऐसा भी था कि घर वालों ने डायन के नाम पर न सिर्फ छुटनी देवी प्रताडि़त किया, बल्कि घर से बेदखल भी कर दिया था।

आठ माह के बच्चे के साथ पेड़ के नीचे रही। तब पति ने भी साथ छोड़ दिया था। आज वह अपनी जैसी असंख्य महिलाओं की ताकत बन गई है।

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राष्ट्रपति भवन पहुंची झारखंड की कला की गूंज

राज्य की लोक कला की गूंज इस वर्ष राष्ट्रपति भवन तक पहुंची। कला के महारथी मधुमंसूरी हंसमुख और शशधर आचार्य राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों पद्मश्री से सम्मानित हुए।

पद्मश्री मधु मंसूरी हंसमुख रांची जिले के रहने वाले हैं। नागपुरी गीत के जरिए उन्होंने झारखंड का नाम देश-विदेश में रोशन किया।

राजनीति में अन्नपूर्णा देवी कद बढ़ा

कोडरमा सांसद अन्नपूर्णा देवी ने केन्द्रीय मंत्रिमंडल में जगह बनायी। भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व में भी जगह दी गई। अन्नपूर्णा देवी को केन्द्रीय शिक्षा राज्यमंत्री का प्रभार सौंपा गया।

शिक्षा के क्षेत्र में मिला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार

शिक्षा के क्षेत्र में भी झारखंड ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। जमशेदपुर जिले के हिंदुस्तान मित्र मंडल मिडिल स्कूल के शिक्षक मनोज कुमार को इस वर्ष राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से नवाजा गया।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में अवार्ड

रिम्स के माइकोबायोलॉजिस्ट डॉ सीमा कुमारी ने ब्लैक फंगस पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत कर बेस्ट पेपर का अवार्ड जीता है। ब्लैक फंगस से संक्रमित कई मरीजों के इलाज और फंगस के फैलाव पर डॉ सीमा ने शोध पत्र तैयार किया था।

असम में आयोजित इंडियन एसोसिएशन ऑफ माइक्रोबायोलाजिस्ट के राष्ट्रीय सेमिनार में डॉ सीमा ने अपनी प्रस्तुति दी। साथ ही ब्लैक फंगस के इलाज पर दवाओं का कितना असर होता है और इसके फैलाव को कैसे रोका जा सके, इसकी जानकारी भी उपलब्ध करायी।

साहित्य में भी झारखंड ने मनवाया लोहा

डॉ रामदयाल मुंडा शोध संस्थान मोरहाबादी के निदेशक रणेंद्र कुमार को 31 जनवरी को ‘श्रीलाल शुक्ल स्मृति इफको फाउंडेशन अंतरराष्ट्रीय कथा सम्मान’ के लिए भी इनका चयन हुआ। वहीं, 28 नवंबर को कथाकार पंकज मित्र को 2021 का ‘कथाक्रम सम्मान’ हासिल हुआ। साहित्य के क्षेत्र में 30 नवंबर को कवयित्री रश्मि शर्मा का चयन छठी ‘शैलप्रिया स्मृति’ के लिए हुआ।

हॉकी में कमाल

तोक्या में 23 जुलाई से शुरू हुए ओलिंपिक के लिए झारखंड की दो महिला हॉकी खिलाड़ियों निक्की प्रधान और सलीमा टेटे का चयन भारतीय टीम में हुआ।

हॉकी में दोनों खिलाड़ियों ने कमाल का प्रदर्शन किया। वहीं, भारतीय जूनियर महिला हॉकी टीम में झारखंड की तीन खिलाड़ियों सुषमा कुमारी, ब्युटी डुंगडुंग और संगीता कुमारी का चयन हुआ। इसके साथ छह महिला हॉकी खिलाड़ियों निक्कली प्रधान, सलीमा टेटे, संगीता कुमारी, सुषमा कुमारी, अल्फा केरकेट्टा और रीमा बाखला को सीनियर महिला हॉकी के नेशनल कैंप में जगह मिली।

कुश्ती में करतब

रांची की चंचला कुमारी ने कुश्ती महिला वर्ल्ड कप में पहली बार देश का प्रतिनिधित्व किया और प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन किया। रांची में अंडर-15 राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता हुई, जिसमें देशभर के आठ सौ से अधिक खिलाड़ी शामिल हुए।

तीरदांजी में रही उपलब्धि

तीरंदाजी युवा चैंपियनशीप में भारत ने कुल 15 पदक अपने नाम किये। इस चैंपियनशिप में जमशेदपुर की कोमोलिका बारी ने खिताब जीत कर दीपिका कुमारी को पीछे छोड़ा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ये उपलब्धि हासिल करने वाली ये दूसरी खिलाड़ी बनी।

एमएस धौनी बने मेंटर

रांची के राजकुमार और टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धौनी भी वर्ष 2021 में सुर्खियों में छाये रहे।

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने के बावजूद बीसीसीआई ने टी-20 विश्व कप में भार के 15 सदस्यीय क्रिकेट टीम का मेंटर धौनी को बनाया। आइपीएल का ताज भी धौनी ने अपनी कप्तानी में जीता।

फुटबॉल में बेटियों का रहा दबदबा

जमशेदपुर में भारतीय महिला फुटबॉल टीम का कैंप लगाया गया। इसमें झारखंड की दो महिला खिलाड़ियों निशिमा कुमारी और सुमति कुमारी का चयन हुआ। वहीं, ऑल इंडिया जूनियर वर्ल्ड कप के लिए झारखंड की आठ महिला खिलाड़ियों का चयन किया गया था।

उपलब्धि

40 साल बाद रांची की मनीषा बियानी चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की रीजनल काउंसिल की सदस्य चुनी गईं।

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