रांची: झारखंड हाई कोर्ट में चर्चित शाह ब्रदर्स से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई।
इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अदालत में अपना जवाब पेश किया गया। शपथ पत्र पर राज्य सरकार ने प्रत्युत्तर देने की मांग की। इस पर अदालत ने उन्हें जवाब पेश करने का निर्देश दिया।
मामले की सुनवाई जस्टिस आर मुखोपाध्याय और जस्टिस एके चौधरी की अदालत में हुई।
झारखंड के अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने शनिवार को बताया कि झारखंड हाई कोर्ट में चर्चित शाह ब्रदर्स मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई में अदालत के पूर्व आदेश के आलोक में राज्य सरकार की ओर से जवाब पेश किया गया।
जवाब के माध्यम से अदालत को यह जानकारी दी गई कि हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में माइनिंग सचिव मामले पर सुनवाई कर रहीं है।
पूर्व में अदालत ने प्रार्थी को यह बताने को कहा था कि उनका क्या क्रेडेंशियल है। क्या उन्हें जनहित याचिका दायर करने का अधिकार है? इस पर प्रार्थी की ओर से अदालत में जवाब पेश किया गया।
प्रार्थी के जवाब पर सरकार ने अपना प्रत्युत्तर पेश करने के लिए अदालत से समय मांगा है। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले की विस्तृत सुनवाई के लिए छह जनवरी की तिथि निर्धारित की है।
उल्लेखनीय है कि वेकेशन कोर्ट में सुनवाई में नियमों का पालन नहीं किए जाने की शिकायत करते हुए हाई कोर्ट के अधिवक्ता राम सुभग सिंह और इस मामले में भूमि अधिग्रहण विस्थापन एवं पुनर्वास किसान समिति की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है.
याचिका में कहा गया है कि शाह ब्रदर्स के लीज से संबंधित मामलों में वेकेशन कोर्ट में सुनवाई के दौरान नियमों का पालन नहीं किया गया है। इसलिए इस मामले में एकलपीठ के आदेश और इस आदेश के बाद सरकार द्वारा की गई कार्रवाई पर रोक लगा देनी चाहिए।