रांची: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि बकाए वेतन भुगतान की मांग को लेकर विगत एक माह से भी अधिक अवधि से टूल डाउन स्ट्राइक कर रहे एचईसी के कामगारों ने कारखाना के हित में हड़ताल वापस लेने का ऐतिहासिक कदम उठाया है।
एचईसी प्रबंधन को कामगारों के इस निर्णय की सराहना करते हुए उनका समुचित सम्मान करने की आवश्यकता है।
उन्होंने शुक्रवार को कहा कि मजदूरों ने प्रबंधन की अपील को स्वीकार करते हुए कारखाना के अस्तित्व को बचाने के लिए अपना काम शुरू कर दिया है।
अब प्रबंधन भी कामगारों से किए गए वायदे के प्रति संवेदनशील रहे। सहाय ने कहा कि एचईसी के कामगारों में इतनी क्षमता है कि वह उत्पादन लक्ष्य को भी हासिल करने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखेगा।
यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि जिन कामगारों के घरों का चूल्हा वेतन के अभाव में नहीं चल पा रहा हो,
जिन्हें राशन दुकानदार उधार राशन नहीं दे रहे हों, जो अपने बच्चों का स्कूल फीस नहीं जमा नहीं कर पा रहे हों, जिनका वेतन छह माह से बकाया हो, उन कर्मियों की मानसिक स्थिति क्या हो सकती है।
फिर भी प्रबंधन के आश्वासन पर कामगार अपने-अपने काम पर लौट गए हैं। एचईसी के कामगारों के इस फैसले की जितनी भी सराहना की जाए, कम है।
उन्होंने एचईसी के मजदूरों से ईमानदारी और कर्मठता से अपने-अपने काम में जुट जाने की अपील की।
वहीं दूसरी तरफ एचईसी प्रबंधन से भी आगाह किया कि कामगारों ने प्रबंधन की अपील को सहर्ष स्वीकार करते हुए जिस प्रकार हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया, उसी प्रकार कामगारों से किए गए वायदे से प्रबंधन कभी पीछे न हटे।