रांची : सेंट्रल ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने साहिबगंज में अवैध खनन के मामले (Illegal mining cases) में एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) के गवाह विजय हांसदा (Vijay Hansda) के बारे में नया खुलासा किया है।
झारखंड हाई कोर्ट में दाखिल CBI के हलफनामे के अनुसार, विजय हांसदा ने कई बार आरोपी व्यक्तियों के प्रभाव में काम किया।
हाई कोर्ट ने CBI को दिया था जांच का आदेश
कोर्ट ने 18 अगस्त को आरोपी व्यक्तियों (पंकज मिश्रा सहित अन्य) के आचरण की जांच करने का आदेश दिया था। अदालत ने विजय हांसदा की याचिका पर आदेश दिया था, जिसनेज्ञआरोप लगाया था कि पिछले ढाई साल से “पत्थर माफिया” साहिबगंज जिले के खनन अधिकारियों सहित सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध खननज्ञकर रहे हैं। जिला अधिकारियों से शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
विजय हांसदा ने 16 अगस्त 2023 को दुर्गा थाने में दर्ज कराई थी शिकायत
CBI के हलफनामा कहता है कि हाई कोर्ट के निर्देश पर CBI द्वारा की गई जांच से पता चला है कि 16 अगस्त 2023 को रांची ED कार्यालय के प्रवर्तन अधिकारी अनुपम कुमार ED के अधिकारी देवव्रत झा (Devvrat Jha) से सूचना मिलने के बाद वे हाई कोर्ट गए थे।
उन्हें यह सूचना मिली थी कि मनी लॉन्ड्रिंग के केस में फरार राजेश यादव उर्फ दाहू यादव अपने सहयोगियों विष्णु यादव उर्फ छोटू यादव के साथ हाई कोर्ट के पास देखा गया था।
देवव्रत झा ने दाहू यादव पर नजर रखने और उसके खिलाफ रांची ED कोर्ट द्वारा जारी वारंट के तहत कार्रवाई करने के लिए एजेंसी के अधिकारी अनुपम कुमार और अमन पटेल को शामिल करने का भी निर्देश दिया था।
अधिवक्ता सुधांशु शेखर चौधरी (Sudhanshu Shekhar Chaudhary) के कहने पर, विजय हांसदा ने 16 अगस्त 2023 को धुर्वा थाना में शिकायत दर्ज कराई। धुर्वा थाना की पुलिस ने तत्परता से उसी दिन शिकायत का सत्यापन किया और दिनांक 17 अगस्त 2023 को 11 बजे FIR संख्या 240/2023 दर्ज की।