रांची: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए), झारखंड हेल्थ सर्विसेस एसोसिएशन (झासा) एवं हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से मुलाकात की।
इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को ज्ञापन भी सौंपा। ज्ञापन डॉ नीलिमा कुमारी का अपहरण के आरोपियों की गिरफ्तारी, आरटीपीसीआर एवं रेपिड एंटिजेन का मूल्य निर्धारण, सीईए के विसंगतिया एवं कोरोना शहीद चिकित्सकों के कपसेशन राशि के संबंध में सौंपा गया है।
ज्ञापन के माध्यम से कहा गया है कि चंदवा (लातेहार) में पदस्थापित महिला चिकित्सक डॉ नीलिमा कुमारी का कुछ असमाजिक तत्वों ने 12 जनवरी को अगवा कर लिया और उन्हें रामगढ लेकर चले गए।
बहुत मिन्नत के बाद उक्त चिकित्सक से ढाई लाख रूपये फिरौती लेकर महिला चिकित्सक को छोड़ा। नीलिमा कुमारी इस घटना से सदमें है।
इस संदर्भ में स्थानीय थाने में एफआईआर दर्ज करायी गई लेकिन अभी तक किसी भी अपहरणकर्ता को पकड़ा नहीं जा सका है।
अतः आप से आग्रह है कि त्वरित कार्रवाई करते हुए अपहरणकर्ताओं की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाय। सीईए के विसंगतियों के संबंध में आपका ध्यान आकर्षित करना चाहेंगे। पूर्व में भी इस संबंध में कई पत्राचार किया जा चुका है।
पूर्व की भांति हम पुनः मांग रखते हैं कि हरियाणा सरकार द्वारा 50 सैया तक के अस्पतालों को दिए जाने वाले छूट झारखण्ड में भी लागू किया जाय तथा बड़े अस्पतालों को भी इसके संपूर्ण अर्हताओं के पालन के लिए पांच वर्ष की शीतलता अवधी दी जाय।
साथ ही आरटीपीसीआर एवं रैपिड एटिजेन टेस्ट की मूल्यों का निर्धारण जो किया गया है, उससे प्राईवेट लैब संचालक सहमत नहीं है।
इसमें उचित संशोधन किया जाय। यह भी कहना है कि कोविड-19 में काम करते हुए शहीद प्राइवेट एवं सरकारी डॉक्टरों को सरकार की तरफ से किसी भी प्रकार की आर्थिक मदद नहीं दी गई है।
अतः आग्रह है कि शहीदों के परिजनों को मुआवजा जल्द से जल्द देने की कृपा करें। प्रतिनिधिमंडल में डॉ भारती कश्यप, डॉ प्रदीप कुमार सिंह, डॉ बिमलेश सिंह, आरएस दास, डॉ अजित कुमार सहित अन्य डॉक्टर शामिल थे।