रांची: उत्साह और उल्लास के बीच सिल्ली में तीन दिवसीय गूंज महोत्सव (Goonj Festival) का रविवार को झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) ने उद्घाटन किया।
मौके पर राज्यपाल ने कहा कि विकास के विविध आयाम (Multiple Dimensions) से जुड़े गूंज महोत्सव में शामिल होकर प्रसन्नता हुई। सशक्त समाज के निर्माण के साथ गूंज की ‘अनुगूंज’ पूरी दुनिया में फैले।
उन्होंने कहा कि महोत्सव का पहला दिन महिलाओं के नाम समर्पित है। जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवताओं का वास होता है। महिलाओं को विकास की मुख्य धारा में जोड़े बिना सशक्त समाज (Strong Society) की कल्पना नहीं की जा सकती।
इसके साथ युवाओं और किसानों को बेहतर मुकाम देकर राज्य और देश को खुशहाल बनाया जा सकता है।
राज्यपाल ने सुदेश कुमार महतो के समाज के हर वर्गों के विकास और क्षमता निर्माण में किए जा रहे रचनात्मक और सृजनात्मक प्रयासों की तारीफ की ।
इससे पहले राज्यपाल ने सिल्ली कॉलेज में उच्च स्तरीय Library and Study Center का ऑनलाइन शुभारंभ किया । स्टडी सेंटर का संचालन झारखंड स्टेट ओपन युनिवर्सिटी के द्वारा किया जाएगा ।
विकास आधारित गूंज महोत्सव की यात्रा नये मोड़ पर: सुदेश महतो
पूर्व उप मुख्यमंत्री सुदेश महतो (Sudesh Mahto) ने कहा कि विकास आधारित गूंज महोत्सव की यात्रा नये मोड़ पर पहुंच चुकी है।
झारखंडी संस्कृति और परंपरा की विरासत का जतन करने की कोशिशों के साथ शुरू गूंज महोत्सव ने अपने यादगार सफर के साथ क्षेत्र के विकास और समाज के सशक्तिकरण में निर्णायक भूमिका अदा की है ।
इसके दारोमदार गूंज परिवार से जुड़े 74 हजार परिवार हैं। राज्यपाल ने सिल्ली की धरती को सुशोभित करते हुए गूंज महोत्सव के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ दिया है।
यह महोत्सव जहां खुशियों का दूसरा नाम है, वहीं उनका मुख्य मकसद समाज के हर वर्ग का सशक्तीकरण करना है।
इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ छऊ नृत्य
समारोह में शामिल India Book of Recordsके सुब्रतो दास ने छऊ नृत्य को पारंपरिक नृत्य के तौर पर इस Records में शामिल कर करने की घोषणा की।
इसके साथ ही उन्होंने सुदेश कुमार महतो को रिकॉर्ड्स से जुड़े मैडल पहनाया।
झूम-झूम कर नाचे छऊ कलाकार
उद्घाटन के दिन, 18 दिसंबर को एक साथ 5001 छऊ नृत्य कलाकारों ने ”छऊ कार्निवाल” पेश किया। हजारों की भीड़ उन्हें एकटक निहारती रही।
इनके अलावा 1500 युवाओं और बच्चों के सांस्कृतिक प्रदर्शन (Cultural Performance) ने खूबसूरत समां बांध कर रख दिया।
तालियों की गड़गड़ाहट से आसमान गूंजता रहा। पाइका नाच भी हुआ। इस दौरान पारंपरिक वाद्य यंत्रों की सुंदर लहरियों पर लोग मंत्रमुग्ध होते रहे।
सिल्ली स्टेडियम परिसर में बिनोद बिहारी महतो की पुण्य तिथि पर श्रद्धांजलि सभा
झारखंड आंदोलन के प्रणेता और लड़ो, पढ़ो और बड़ों का नारा देने वाले बिनोद बिहारी महतो की पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
स्टेडियम परिसर (stadium complex) में लगी उनकी प्रतिमा पर राज्यपाल रमेश बैस, सुदेश कुमार महतो, रांची के सांसद संजय सेठ, आजसू पार्टी के गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी, राज्य सभा सांसद आदित्य साहू, विधायक लंबोदर महतो, पूर्व सांसद रामटहल चौधरी, पूर्व मंत्री रामचंद्र सहिस, पद्मश्री मुकुंद नायक, मधुर मंसूरी, छुटनी महतो, झारखंड तीरंदाजी संघ की वरीय उपाध्यक्ष नेहा महतो ने फूल माला चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की।