रांची: केन्द्रीय कोयला, खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शनिवार को सीसीएल मुख्यालय दरभंगा हाउस में सीसीएल के कार्य निष्पादन की समीक्षा बैठक की।
बैठक में विशेषकर पावर प्लांटों को कोयला आपूर्ति, कोयला उत्पादन सहित अन्य मुख्य बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
समीक्षा बैठक में मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कोयला उत्पादन के साथ पावर प्लांटों में आपूर्ति संबंधी सीधी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के उपरांत देश एक बार पुन: आर्थिक विकास की राह पर दौड़ रहा है।
देश की मुख्य ऊर्जा संस्थान होने के कारण इस रफ्तार को कायम रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। मुझे पूरा विश्वास है कि आप सब इस जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी निष्ठा से करेंगे।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार एवं कोयला मंत्रालय आपको सभी प्रकार के सहयोग एवं सहायता के लिए तत्पर है। साथ ही जोशी ने वरिष्ठ अधिकारियों से कोयला खनन में आने वाली आधारभूत समस्याओं को दूर करने की दिशा में कार्य करने का निर्देश दिया।
बैठक में भारत सरकार के कोयला मंत्रालय अपर सचिव विनोद कुमार तिवारी, कोल इंडिया के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल, सयुंक्त सचिव बीपी पति, सीसीएल एवं बीसीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद, ईसीएल के सीएमडी पीएस मिश्रा, सीएमपीडीआई के सीएमडी मनोज कुमार, सीसीएल के निदेशक तकनीकी (संचालन) वीके. श्रीवास्तव, सीसीएल के निदेशक तकीनीकी (योजना/परियोजना) भोला सिंह, सीसीएल के निदेशक (कार्मिक), पीवीकेआर मलिकार्जुन राव, कोयला मंत्री के निजी सचिव होन्नारेड्डी एन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सीएमडी पीएम प्रसाद ने मंत्री प्रह्लाद जोशी एवं अन्य अतिथियों का स्वागत किया। बैठक में पीएम प्रसाद ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से कंपनी के कार्यनिष्पादन, योजनाओं, उपलब्धियों एवं चुनौतियों के बारे में मंत्री को विस्तार से जानकारी दी।
प्रह्लाद जोशी ने किया सीसीएल के पिपरवार क्षेत्र का दौरा
इससे पूर्व मंत्री प्रह्लाद जोशी ने पिपरवार क्षेत्र के अशोका ओपनकास्ट खदान एवं बचरा रेलवे साइडिंग का निरीक्षण किया।
इस दौरान उन्होंने 24×7 कोयला उत्पादन में लगे कर्मियों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि हमारे कोयला योद्धा देश की उम्मीदों पर खरा उतरेंगें।
उल्लेखनीय है कि देशभर के पावर प्लांट में कोयले की कमी की खबर के बीच कोयला मंत्री का यह दौरा अत्यंत महत्वपूर्ण था।
उन्होंने न सिर्फ कर्मियों से मिले बल्कि, अधिकारियों को युद्ध स्तर पर कोयला लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रेरित किया।