रांची : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) ने 956 पदों पर नियुक्ति के लिए गुरुवार को झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2021 (JGGLCCE-2021) का विज्ञापन जारी किया था।
इसमें सामान्य वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा शुल्क एक हजार रुपये निर्धारित किया गया था।
वहीं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा शुल्क 250 रुपये तय किया गया था।
इसकी सोशल मीडिया पर खूब आलोचना होने लगी। लोग हेमंत सोरेन के चुनावी निश्चय पत्र का हवाला देकर सोशल मीडिया पर सरकार को याद दिलाने लगे कि उन्होंने जेपीएससी और जेएसएससी परीक्षा शुल्क मात्र 100 रुपये रखने का वादा किया था।
इधर, शुक्रवार को सरकार ने इस परीक्षा शुल्क को संशोधित कर दिया। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने शुक्रवार को सूचना जारी कर कहा कि परीक्षा शुल्क को संशोधित कर दिया गया है।
इसके तहत अब सामान्य वर्ग, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को मात्र 100 रुपये ही परीक्षा शुल्क के रूप में देने होंगे।
वहीं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के लिए परीक्षा शुल्क 50 रुपये कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि झामुमो ने विधानसभा चुनाव से पहले अपना ‘निश्चय पत्र’ जारी किया था। इसमें झामुमो ने वादा किया था कि सत्ता में आने पर जेपीएससी और जेएसएससी समेत सरकारी प्रतियोगिता परीक्षा के लिए परीक्षा शुल्क में कटौती की जायेगी।
हेमंत सोरेन ने तब वादा किया था कि सत्ता में आने पर उनकी सरकार परीक्षा शुल्क इतना कम कर देगी कि प्रतियोगिता परीक्षा में शामिल होने के लिए अभ्यर्थी आसानी से फॉर्म भर सकेंगे।