रांची: कोरोना ने न्यायिक प्रक्रिया को भी प्रभावित किया है। कोविड-19 के संक्रमण की वजह से करीब 16 महीने तक अदालतों में मामलों की सुनवाई प्रभावित हुई।
नाबालिग से दुष्कर्म के भी मामले उन मामलों में शामिल हैं, जिनमें कोविड-19 पैंडेमिक के कारण सुनवाई प्रभावित रही। अब जब अदालतों में फिजिकल सुनवाई शुरू हो चुकी है, तो ऐसे में नाबालिग से दुष्कर्म से जुड़े मामलों की सुनवाई में तेजी लाने के लिए भी पहल शुरू हो गयी है।
अदालत ने निर्देश दिया है कि वैसे मामले, जिनमें गवाह अदालत नहीं आ रहे हैं, अभियोजन पक्ष उन तमाम मामलों में गवाहों को अदालत में पेश करे। रांची कोर्ट में पोक्सो एक्ट से संबंधित लगभग 250 मामले लंबित हैं। अब फिजिकल कोर्ट शुरू हो जाने से मामलों की सुनवाई ने रफ्तार पकड़ी है।
कई मामले तो अंतिम बहस के पड़ाव पर हैं। वहीं, कई मामले ऐसे हैं, जिनमें गवाही दर्ज हो रही है। डोरंडा कांड (संख्या 198/17) भी उन्हीं मामलों में से एक है, जिसमें जल्द ही फैसला आने की उम्मीद है।इस मामले में बहस जारी है।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के कारण अदालतें वर्चुअल सुनवाई कर रही थीं, जिसमें अग्रिम जमान, जमानत और दूसरी जरूरी याचिकाएं सुनी जा रही थीं। वहीं, कई मामलों में जेल में बंद आरोपियों के खिलाफ आरोप भी तय हुए। वहीं, वर्चुअल मोड में ही पोक्सो की विशेष अदालत ने चार मामलों में फैसले भी सुनाये थे।