रांची: झारखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन बुधवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर विधानसभा के बाहर धरना दिया।
इस दौरान भाजपा विधायक बिरंची नारायण, किशन दास, समरी लाल, पुष्पा देवी, आजसू विधायक लंबोदर महतो और झामुमो से जामा विधायक सीता सोरेन सहित अन्य विधायक विधानसभा के बाहर धरने पर बैठे रहे।
इस दौरान धरने पर बैठे सभी विधायक अपने हाथों में पोस्टर लिए हुए थे और अपना विरोध दर्ज कर रहे थे।
इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीता सोरेन ने कहा कि सीसीएल के आम्रपाली परियोजना के तहत शिवपुरी रेलवे साइडिंग में आरकेटीसी-बीएलए कंपनी ने 1.5 किमी वन भूमि का अतिक्रमण किया है।
राज्य बनने हुए 21 साल हो गये है। लेकिन आज भी सीएनटी- एसपीटी का उल्लंघन हो रहा है। अधिकारियों की मिलीभगत से वन भूमि का अतिक्रमण किया गया है।
यह पूरी तरह से सीएनटी एसपीटी एक्ट का उल्लंघन है। उन्होंने सरकार से पूरे मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि झारखंड के जल, जंगल, जमीन को बचाने के लिए यह हमारी पार्टी ने लड़ाई लड़ी है।
इस बार हमारी सरकार को सत्ता भी मिली है। लेकिन राज्य बनने और सत्ता पाने का जो मकसद था, वह आज तक पूरा नहीं हुआ है। झारखंड में जमीन की लूट हो रही है।
उन्होंने कहा कि वन भूमि पर आरकेटीसी – बीएलए ज्वाइंट वेंचर कंपनी जमीन अतिक्रमण करना बंद करो और इस पूरे मामले की जांच सरकार को करनी चाहिए।
वहीं दूसरी ओर धरना पर बैठे आजसू विधायक लंबोदर महतो टीटीपीएस लालपनिया में व्याप्त भ्रष्टाचार की निगरानी जांच की मांग को लेकर धरने पर बैठे रहे।
उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि इस मामले की जांच निगरानी से कराई जाए। इसके अलावा भाजपा के विधायक बिरंचि नारायण, किशुन दास, पुष्पा देवी, समरी लाल भी धरना पर बैठे रहे।
इस दौरान सभी विधायकों के हाथों में पोस्टर था जिस पर लिखा हुआ था कि बिजली बिजली हाहाकार, सो रही झारखंड सरकार