रांची: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन शुक्रवार को विधायक सरयू राय ने तारांकित प्रश्न के माध्यम से सवाल किया कि क्या यह सही है कि मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत सूचीबद्ध बीमारियों के इलाज का लाभ मरीजों को सूचीबद्ध अस्पतालों में इलाज कराने पर मिलता है।
उन्होंने कहा कि फरवरी 2020 से जुलाई 2020 के बीच राज्य में सूचीबद्ध अस्पतालों जैसे मेडेट्री, आदित्यपुर, ब्रम्हानंद नारायण, तमोलिया आदि को कटिबद्ध सूचीबद्ध बीमारियों के इलाज का लाभ दिया गया है जो भ्रष्ट आचरण है।
इसका उत्तर देते हुए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि ब्रह्मानंद नारायण अस्पताल मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत बीमारियों के इलाज के लिए सूचीबद्ध है।
राय ने कहा कि विभागीय मंत्री गलत जवाब दे रहे हैं। इस पर स्पीकर ने मंत्री से कहा कि हमेशा गलत जवाब दिये जाने की शिकायत रहती है। इसके बाद उन्होंने मंगलवार तक रिपोर्ट देने की समय सीमा तय की।
दूसरी ओर भाजपा विधायकों के हंगामे के बीच स्पीकर ने सभी सदस्यों से कहा कि आपके सहयोग से ही सदन शांतिपूर्ण और गरिमामय तरीके से चल सकती है।
इसलिए आसन पर बैठ जायें। भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने जेपीएससी का मामला उठाते हुए कहा कि हजारों छात्र-छात्राएं आज मोरहाबादी मैदान में धरने पर बैठे हुए हैं।
सरकार क्यों नहीं जेपीएससी अध्यक्ष अमिताभ चौधरी को बर्खास्त कर पूरे मामले की सीबीआई जांच करवा रही है। माले के विनोद सिंह ने जेपीएससी के मुद्दे पर सवाल उठाया।
प्रदीप यादव ने बिजली उत्पादन को लेकर सवाल उठाया तो कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने झारखंड में कोरोना से हुई मौत पर सरकार से जवाब मांगा।
इरफान अंसारी ने राज्य में कोरोना से हुई मौत पर सवाल उठाया। उन्होंने सदन में सरकार से जानना चाहा कि झारखंड में जिलावार कितने लोगों की मौत कोरोना हुई है।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने जवाब देते हुए बताया कि कोविड-19 के कारण राज्य में अभी तक 5142 लोगों की मौत हुई है। इस पर अंसारी ने कहा कि आंकड़ा सही नहीं है।
मंत्री ने कहा कि अगर विधायक के पास ऐसी कोई जानकारी है तो वह उपायुक्त के माध्यम से जांच करवाएं, जो भी आंकड़े सामने आएंगे हम उसे भी शामिल कर देंगे।