रांची: झारखंड में अवस्थित फूड टेस्टिंग लैब में फूड सैंपल की जांच नहीं होने के कारण हो रही समस्या पर गुरुवार को फेडरेशन ऑफ झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज ने स्वास्थ्य सचिव को पत्राचार किया।
पत्र में कहा गया है कि नामकोम स्थित फूड टेस्टिंग लैब पिछले छह माह से अनुपयोगी है। यहां किसी भी सैंपल की जांच नहीं हो रही है।
खाद्य पदार्थों की लीगल जांच के लिए यहां का सैंपल कोलकाता स्थित सेंट्रल फूड लैब भेजा जाता है जिस कारण जांच रिपोर्ट में विलंब होने के साथ ही सरकार को भी प्रति सैंपल की दर से अतिरिक्त खर्च का भुगतान करना पड रहा है।
चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा ने कहा कि जानकारी के अनुसार नेशनल एक्रिडिएशन बोर्ड ऑफ लेबोरेटरी द्वारा काफी दिनों से इस लैब द्वारा जांच पर रोक लगा दी गई है।
लैब में सिर्फ सर्वे खाद्य पदार्थों की ही जांच होती है और यह जांच वैधानिक नहीं मानी जाती। लैब को दोबारा मान्यता देने में हो रहे विलंब से आमजनों के साथ ही व्यापारियों को भी कठिनाई होती है।
उन्होंने आग्रह किया कि फूड सेफ्टी एण्ड स्टैंडर्ड ऑथोरिटी ऑफ इण्डिया और एनएबीएल से आवश्यक समन्वय बनाकर, लैब का संचालन सुचारू बनाया जाय।
चैंबर द्वारा निर्गत किये गये पत्र में लैब में मशीनों को चलाने के लिए पर्याप्त मैनपावर की कमी का भी हवाला देते हुए रिक्त पदों को भरने तथा राज्य में अतिरिक्त फूड सेफ्टी ऑफिसर की भी नियुक्ति का आग्रह किया गया है।