रांची: राज्य में बच्चों के स्कूल कब खुलेंगे? जिन बच्चों के पास मोबाइल, पीसी या लैपटॉप नहीं हैं वह ऑनलाइन पढ़ाई कैसे करें? ऐसे कई सवाल हैं जिनसे झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जूझना पड़ा।
शनिवार को दस बाल पत्रकारों के एक दल ने अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस पर मुख्यमंत्री से उनके कांके रोड स्थित आवास पर मुलाकात कर उनसे बच्चों के हितों से जुड़े कई सवाल पूछे। उन्होंने मुख्यमंत्री से अपने सपनों, आकांक्षाओं एवं चुनौतियों को साझा किया।
इन बाल पत्रकारों को यूनिसेफ की एक योजना के तहत प्रशिक्षित किया गया है। इन बाल पत्रकारों ने वैश्विक कोरोना महामारी के दौरान बच्चों में हुई समस्याओं और चुनौतियों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।
उनसे कहा कि महामारी के दौरान गरीब, जरूरतमंद बच्चों को स्मार्टफोन, पीसी आदि की अनुपलब्धता के कारण ऑनलाइन क्लास करने में भारी परेशानी झेलनी पड़ी।
बाल पत्रकारों ने पूछा कि बच्चों के स्कूल कब तक खोले जायेंगे? इसपर मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों के जीवन की सुरक्षा की सरकार की चिंता सबसे पहले है। हमारी कोशिश रही है कि ऐसे उपाय किये जायें कि बच्चों की सुरक्षा के साथ-साथ उनकी गुणवत्तापूर्ण पढ़ाई सुनिश्चित हो।
राज्य सरकार स्कूलों के संचालन के लिए संक्रमण की स्थिति पर नजर रखते हुए चरणबद्ध तरीके से विद्यालयों में पठन-पाठन प्रारंभ करने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि निकट भविष्य में प्राथमिक विद्यालय भी फिर से शुरू होंगे।
स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए शिक्षक एवं छात्र अनुपात के बीच के अंतराल को भरने की लगातार कोशिश की जा रही है। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर 680 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया है, जो इसी दिशा में एक मजबूत पहल है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमसभी को यह पता है कि वैश्विक महामारी के दौरान बच्चों की पढ़ाई कितनी प्रभावित हुई है। साथ ही बच्चों को पारिवारिक समस्याओं तथा कई अन्य मानसिक तनाव से भी गुजरना पड़ा है।
अभी भी समस्या टली नहीं है, चुनौती सामने खड़ी है। यही कारण है कि अब हमें जीवन को संभालने के लिए रास्ता निकालना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री ने बाल पत्रकारों से कहा कि वे समाज में अंधविश्वास को खत्म करने के लिए जागरूकता फैलाने में मदद करें। मुख्यमंत्री ने सभी बाल पत्रकारों को कलम भेंट कर सम्मानित किया तथा उन्हें अपनी शुभकामनाएं दीं।
इस मौके पर यूनिसेफ के झारखंड प्रमुख प्रसांता दास तथा बाल पत्रकारों में सुरुचि कुमारी पांडे, अनुप्रिया कुमारी, विक्रम सोलंकी, हिमांशु कुमार सिंह, चांदनी कुमारी, जय गोविंद बेदिया, अवंतिका कुमारी सहित अन्य उपस्थित थे।