रांची: भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम ) के नये भवन का निर्माण कार्य लगभग पूरा चुका है।
कुल 13 भवनों में आठ भवनों का काम खत्म हो गया है। संस्थान का कुछ विंग जैसे प्रशासनिक, फैकल्टी और स्टाफ के क्वार्टर में लोग शिफ्ट होने लगे हैं। बावजूद इसके अब भी काम बाकी हैं।
लड़कों का छात्रावास बन गया है पर लड़कियों के छात्रावास का काम शेष है। इस कारण संस्थान पूरी तरह से शिफ्ट नहीं हो पाया है। इस संबंध में संस्थान के निदेशक प्रो शैलेंद्र सिंह ने बताया कि छात्रावास का काम अधूरा है और कई भवनों का काम चल रहा है।
इस वजह से क्लास नये भवन और सूचना भवन में संचालित किये जायेंगे। खेलगांव वाले छात्रावास में भी लड़कियां रहेंगी। मिली जानकारी के अनुसार अब तक जो भवन बनकर तैयार हो चुके हैं। इनमें
दस क्लासरूम, डायरेक्टर रूम
एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग, डायनिंग हॉल, छोटे-छोटे क्लास रूम, फैकल्टी क्वार्टर और लड़कों का छात्रावास शामिल है। दूसरी ओर राज्य सरकार के सूचना भवन में आईआईएम रांची की कक्षाएं चल रही हैं।
सूचना भवन के दो फ्लोर पर कक्षाएं, प्रशासनिक भवन हैं। राज्य सरकार की तरफ से संस्थान में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं के लिए खेलगांव परिसर में छात्रावास की सुविधा भी दी गयी है।
अभी कांके रोड के एक किराये के मकान में आईआईएम की अस्थायी कक्षाएं भी संचालित की जा रही हैं।
आईआईएम रांची में पीजी डिप्लोमा इन ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट मैनेजमेंट (पीजीडीएचआरएम), पीजी डिप्लोमा इन मार्केटिंग मैनेजमेंट (पीजीडीएम) और एग्जीक्यूटिव स्तर के पाठ्यक्रम और शोध से जुड़े कोर्स संचालित किये जा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि आईआईएम रांची की स्थापना देश के नवें आईआईएम के रूप में वर्ष 2010 में की गयी थी। रांची से कुछ दूर नगड़ी इलाके में परिसर बनाने के लिए भूमि आवंटित की गयी थी।
यह जमीन राज्यपाल की परामर्शदात्री समिति ने दी थी। आईआईएम को रांची में कांके ब्लाक में चेड़ी गांव में 90 एकड़ भूमि दी गई थी। लेकिन, स्थानीय स्तर पर विरोध के कारण जमीन नहीं दिया जा सका था।
इस वजह से सरकार को यहां आईआईएम कैंपस खोलने का फैसला वापस लेना पड़ा। वहां चहारदीवारी का निर्माण भी कराया गया था। इस कार्य में लगभग 70 लाख रुपये खर्च हो चुके थे। तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री एम पल्लम राजू ने शिलान्यास किया था।