रांची: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों ने चार राज्यों में तीन दिनों का बंद का ऐलान किया है। इसे लेकर नक्सलियों ने रविवार को पोस्टर जारी किया है।
बिहार, झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश में भाकपा माओवादियों ने 23 नवंबर से लेकर 25 नवंबर तक बंद का ऐलान किया है। इस संबंध में माओवादियों की ओर से अलग अलग जगहों में पोस्टर लगाए गए हैं।
नक्सलियों ने यह बंद भाकपा माओवादी के ईस्टन रीजनल ब्यूरो कमेटी के सचिव प्रशांत बोस और केंद्रीय कमेटी सदस्य शीला मरांडी की गिरफ्तारी के विरोध में बुलाया है।
पोस्टर में माओवादियों ने लिखा है कि 12 नवंबर की सुबह संगठन के वरिष्ठ और बुजुर्ग केंद्रीय कमेटी और पोलित ब्यूरो के मेंबर प्रशांत बोस उर्फ किशन दा और उनकी पत्नी केंद्रीय कमेटी तथा पूर्वी रीजनल ब्यूरो सदस्य शीला मरांडी को झारखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। पुलिस ने दोनों को उस समय गिरफ्तार किया जब वे अपना इलाज कराने के लिए जा रहे थे।
माओवादियों ने यह आरोप लगाया है कि दोनों पर पुलिस जुल्म कर रही है। दोनों को इलाज की जरूरत है लेकिन इसके बावजूद उन्हें जेल भेज दिया गया।
माओवादियों का कहना है कि 75 वर्षीय किशन दा और 61 वर्षीय शीला दोनों ही वृद्ध हैं और अस्वस्थ चल रहे हैं। लेकिन पुलिस हिरासत में रखकर पूछताछ के दौरान उन्हें घोर शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी जा रहीं हैं।
इसके अलावा महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में मुठभेड़ में 26 नक्सलियों के मारे जाने को लेकर भी माओवादियों ने बंद का ऐलान किया है। माओवादियों का कहना है कि 26 साथियों को मारने वाले पुलिसकर्मियों को संगठन सजा देगा।
दूसरी ओर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) केन्द्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर 27 नवंबर को छह राज्यों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में बंदी की घोषणा की है।
यह बंद 13 नवंबर 2021 महाराष्ट्र के गढ़चिरोली जिले में मुठभेड़ में पार्टी की केंद्रीय कमेटी के सदस्य कॉमरेड मिलिंद बापूराव तेलतुंबडे उर्फ दीपक दा सहित 26 साथियों के मारे जाने के विरोध में बुलाया गया है।