रांची: सरना कोड की मांग को लेकर केंद्रीय सरना समिति, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, आदिवासी सेंगेल अभियान एवं विभिन्न संगठनों की ओर से बुधवार को राजभवन के समक्ष एकदिवसीय धरना दिया गया।
धरना के माध्यम से केंद्र सरकार से सरना धरम कोड की मांग को लेकर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया।
मौके पर केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि प्राकृतिक पूजक आदिवासी लंबे समय से सरना कोड की लड़ाई लड़ रहे हैं।
लेकिन अभी तक उनको धार्मिक अधिकार नहीं मिला है। आदिवासी अब समझ चुके हैं कि बिना संघर्ष के सरना कोड मिलने वाला नहीं है। प्राकृतिक पूजक आदिवासी आर-पार की लड़ाई को तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जनगणना से पहले सरना कोड लागू करे। अन्यथा आदिवासी संगठन उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष सत्य नारायण लकड़ा ने कहा कि 15 करोड आदिवासियों का जीवन मरण का सवाल है।
केंद्र सरकार आदिवासियों के धैर्य की परीक्षा न लें। महासचिव संजय तिर्की ने कहा कि सरकार आदिवासियों को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार छिनना चाहती है।
भारत के संविधान अनुच्छेद 25 के तहत धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है लेकिन जबरन आदिवासी को हिंदू एवं ईसाई बनाया जा रहा है। धरना में लोहरदगा, गुमला, हजारीबाग, पलामू, पिठौरिया, ओरमांझी हटिया आदि के लोग शामिल हुए।