रांची: भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने हेमंत सरकार पर कोर्ट और निर्वाचन आयोग की अवमानना एवं अपमान करने का आरोप लगाया है।
शुक्रवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार लोकतांत्रिक व्यवस्था को अपने तरीके से चलाना चाहती है। अपने फायदे के हिसाब से हेमंत सरकार फैसले ले रही है।
उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं को दरकिनार कर फैसले ले रही है। संवैधानिक संस्थाओं के फैसले पर भी कार्रवाई नहीं हो रहा है। रूपा तिर्की मामले में हाई कोर्ट के आदेश की खिल्लियां उड़ाई जा रही है।
कोर्ट के आदेश के बावजूद अब तक एफआईआर नहीं करना कोर्ट की अवमानना है। उन्होंने हेमन्त सरकार को आदिवासी विरोधी भी बताया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में आदिवासियों को अपमानित किया जा रहा है। प्रदेश के आदिवासी खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण साहिबगंज में स्थापित महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की मौत मामले से समझा जा सकता है।
हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद अब तक एफआईआर नहीं हुआ, वे सभी खुले आम घूम रहे हैं। यह हेमंत सरकार द्वारा आदिवासी का अपमान और कोर्ट की अवमानना भी है।
उन्होंने कहा कि अफसरशाही प्रदेश में इस कदर हावी है कि एक मृतक रूपा तिर्की को भी हेमन्त सरकार के अफसर अपमानजनक शब्दों का प्रयोग करते रहे, जिसका ऑडियो भी वायरल हुआ। इस पर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।
आखिरकार हाईकोर्ट ने बरहरवा के तत्कालीन डीएसपी प्रमोद कुमार मिश्रा और बरहेट विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा सहित चार पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। लेकिन अब तक एफआईआर नहीं होना हेमन्त सरकार के कार्यशैली पर स्पष्ट सवाल खड़े करता है।
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार लगातार संवैधानिक संस्थाओं का अपमान कर रही है। देवघर डीसी मंजूनाथ भजंत्री के खिलाफ आदेश के बावजूद अब तक कार्रवाई नहीं होना सरकार के इरादे की ओर इंगित करता है।
हेमन्त सरकार जानबूझकर ऐसे लोगों को जिम्मेवारी दे रखा है, जो भेदवाव पूर्ण कार्रवाई करते हैं। कुछ पदाधिकारी सरकार में शामिल दल के कार्यकर्ता की तरह काम कर रहे हैं। इससे लोकतंत्र कमजोर होगा। अब तक कार्रवाई नहीं किया जाना संवैधानिक संस्थाओं का अपमान और अवमानना है।