रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को शुक्रवार को फटकार लगायी।
यह फटकार राज्य सरकार द्वारा अभी तक जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन की खरीदारी नहीं किये जाने के कारण लगी है।
इस मामले में हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के रवैये के प्रति नाराजगी जाहिर की है।
झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने इस मामले में टिप्पणी की।
कोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि स्वास्थ्य राज्य सरकार की प्रथामिकता में नहीं है। कोर्ट ने सरकार से पूछा कि जब पूरे राज्य में ओमीक्रोन फैल जायेगा, उसके बाद मशीन खरीदी जायेगी।
कोर्ट ने सरकार से पूछा कि क्या सरकार तब जागेगी, जब लोग श्मशान पहुंचने लगेंगे? हर काम के लिए सरकार कोर्ट के ऑर्डर का इंतजार क्यों करती है?
राज्य में जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन है ही नहीं, तो ऐसे में ओमीक्रोन का पता कैसे चलेगा? मरीजों का इलाज आखिर किस आधार पर होगा? सरकार अब तक सोयी हुई क्यों है?
वहीं, झारखंड सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि 29 दिसंबर 2021 को जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन का ऑर्डर कर दिया गया है।
ऑर्डर के बाद मशीन की डिलीवरी में 45 दिनों का वक्त लगता है, लेकिन इस माह के अंत तक मशीन झारखंड पहुंच जायेगी और उसे इंस्टॉल भी कर लिया जायेगा।
सरकार ने कोर्ट को बताया कि फिलहाल सैंपल जांच के लिए भुवनेश्वर भेजे जा रहे हैं। भुवनेश्वर से अभी तक जितनी भी रिपोर्ट आयी है, उनमें एक भी रिपोर्ट में ओमिक्रॉन की पुष्टि नहीं हुई है।
हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और रिम्स को निर्देश दिया है कि वे रिम्स में जन औषधि केंद्र, राज्य में पीएसए प्लांट की स्थिति और अन्य व्यवस्थाओं पर 28 जनवरी तक अपना विस्तृत जवाब कोर्ट में पेश करें।