रांची: झारखंड हाई कोर्ट ने चतरा के हंटरगंज में पदस्थापित तत्कालीन जूनियर इंजीनियर राधेश्याम प्रसाद की क्वैशिंग याचिका खारिज कर दी है।
आरोपी जूनियर इंजीनियर राधेश्याम प्रसाद ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने और एसीबी की स्पेशल कोर्ट द्वारा लिए गए संज्ञान को रद्द करने की मांग की थी। लेकिन अदालत ने उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त करने के इंकार करते हुए याचिका खारिज कर दी है।
आरोपी जेई राधेश्याम प्रसाद की क्रिमिनल मिसलिनियस पिटीशन पर झारखंड हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की न्यायालय में बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने अदालत से कहा कि उनके ऊपर लगाए गए आरोप गलत हैं।
इसलिए उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को निरस्त किया जाना चाहिए।
इसपर एसीबी की ओर से पक्ष रख रहे विशेष लोक अभियोजक सूरज वर्मा ने कड़ी आपत्ति जतायी और अदालत को बताया कि राधेश्याम प्रसाद के खिलाफ जो आरोप लगे हैं वो काफी गंभीर हैं, और इससे जुड़े हुए कई साक्ष्य भी एसीबी के पास मौजूद हैं।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी जेई राधेश्याम प्रसाद की याचिका को ठुकरा दिया है।
जूनियर इंजीनियर राधेश्याम गुप्ता पर चतरा और गुमला जिले में पदस्थापन के दौरान ठेकेदारों के साथ मिलीभगत कर बिना कार्य लाखों की राशि भुगतान करने का गंभीर आरोप लगा है।