रांची: झारखंड हाई कोर्ट में कोरोना से बचाव को लेकर स्वतः संज्ञान से दर्ज मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने राज्य सरकार की ओर से दुर्गा पूजा, छठ सहित अन्य त्योहारों को लेकर जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन कराने को कहा है।
अदालत ने कहा कि लोग बाजारों में बिना मास्क के ही दिखने लगे हैं। लोगों को समझना चाहिए कि अभी कोरोना समाप्त नहीं हुआ है।
दूसरे देशों में संक्रमण बड़ी तेजी से बढ़ रहा है। इसलिए राज्य सरकार पूर्व में मास्क और कोरोना को लेकर जारी एसओपी का सख्ती से पालन कराए। अदालत ने कहा कि पूर्व की तरह मास्क नहीं लगाने पर जुर्माना वसूल किया जाए।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच में सुनवाई हुई।
राज्य सरकार की ओर से अदालत में उपस्थित महाधिवक्ता राजीव रंजन और अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने एफिडेविट के माध्यम से कोर्ट को बताया कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से पहले राज्य के अलग-अलग जिलों में 12 हजार से ज्यादा ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड तैयार किये गए हैं।
इसके साथ ही 5000 से ज्यादा वैसे बेड तैयार किये गए हैं जिन पर बच्चों का इलाज किया जा सके।
जबकि 28 दिन से कम उम्र के बच्चों के लिए भी 500 से अधिक बैड तैयार किये गए हैं। इस मामले में अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी।
उल्लेखनीय है कि नौ सितंबर को झारखंड हाई कोर्ट में कोरोना संक्रमण के मामले में सुनवाई हुई थी।
सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार से कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए की गई तैयारी पर रिपोर्ट मांगी थी।
अदालत ने सरकार पूछा कि तीसरी लहर कब तक आने की आशंका है। उस समय कैसी स्थिति हो सकती है। इसके लिए कितना आधारभूत संरचना तैयार कर ली गई है।