रांची: झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस डॉ. एसएन पाठक की कोर्ट में 7वीं जेपीएससी परीक्षा को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई।
कोर्ट ने इस मामले में विस्तृत सुनवाई के लिए 13 जनवरी की तिथि निर्धारित की है।
7वीं जेपीएससी परीक्षा को लेकर ईशा प्राची स्नेहा तिर्की ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि प्रार्थी को अंतिम चयनित अभ्यर्थी से ज्यादा अंक मिले हैं लेकिन जेपीएससी ने परिणाम जारी नहीं किया है।
इस पर जेपीएससी के अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने कोर्ट में शपथपत्र के साथ प्रार्थी का ओएमआर शीट भी दाखिल की गई।
शपथपत्र में कहा गया है कि प्रार्थी ने पेपर दो की ओएमआर शीट में अनुक्रमांक सही से नहीं भरा है। इस वजह से ओएमआर शीट की जांच नहीं हो पाई।
इसलिए उनका परिणाम जारी नहीं किया गया है। इसी मामले के साथ टैग कुमारी कंचना मेहता की याचिका पर भी सुनवाई हुई।
कंचना की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि उन्हें कम अंक दिया गया है जबकि स्व-आकलन से उन्हें अंतिम चयनित अभ्यर्थी के बराबर अंक मिलना चहिए।
इस पर जेपीएससी ने कहा कि जांच में उन्हें कम अंक ही मिले हैं, जिसे अब संशोधित नहीं किया जा सकता है। इस मामले में भी 13 जनवरी को सुनवाई होगी।
झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डाॅ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में सातवीं जेपीएससी में उम्र की छूट को लेकर एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई हुई।
सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि इस मामले में पहले ही कोर्ट अपना फैसला दे चुकी है। ऐसे में अब कुछ बचा नहीं है।
साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर अपनी मुहर लगा दी। इसलिए प्रार्थी की याचिका को खारिज किया जाता है।
इस संबंध में मुकेश कुमार की ओर से एकलपीठ के आदेश के खिलाफ खंडपीठ में याचिका दाखिल की गई है।
सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कहा गया कि जेपीएससी को हर साल परीक्षा के लिए विज्ञापन निकालना चाहिए था।
पूर्व में जेपीएससी ने विज्ञापन जारी किया था, जिसमें उम्र की सीमा का निर्धारण वर्ष 2011 रखा गया था लेकिन इसे वापस लेते हुए संशोधित विज्ञापन जारी किया गया। इसमें उम्र की सीमा का निर्धारण 2016 रखा गया है।