रांची: राजधानी रांची में क्राइम का ग्राफ तेजी से बढ़ता जा रहा है। लूट, छिनतई, मर्डर आम बात हो गई है। इसी कड़ी में पिठोरिया थाना क्षेत्र के सांगा गांव में मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा हुआ है।
स्थानीय लोगों की मदद से पुलिस के इस खुलासे के बाद इलाके में सनसनी है। रांची पुलिस की छापेमारी में मिनी गन फैक्ट्री से अर्द्धनिर्मित सिंगल बैरल पिस्टल, लकड़ी की बंदूक का ढांचा, भट्ठी को गर्म करने वाली मशीन के अलावा देसी पिस्टल व दो गोली बरामद हुई है।
वहीं, पुलिस ने आरोपी फारुख अंसारी और जुगल लोहरा को भी दबोच लिया है।
हथियार बनाने के एक्सपर्ट हैं फारूख व जुगल
बताया गया कि आरोपी जुगल और फारूख हथियार बनाने में एक्सपर्ट हैं। दोनों मिलकर खुद ही अवैध हथियार बनाते हैं। इसके लिए जुगल व फारूख ने अपने घर पर हथियार निर्माण की सामग्री भी रखी है।
पूछताछ में आरोपी जुगल ने पुलिस को बताया कि वह फारूख के साथ मिलकर नए हथियार निर्माण के अलावा पुराने की मरम्मत आदि कार्य भी करता है। इसके बाद उन हथियारों को दोनों मिलकर बाजार में बेचते हैं।
स्थानीय लोगों का रहा सहयोग
पुलिस ने स्थानीय लोगों के साथ मिलकर मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा किया है। ग्रामीण पुलिस को लगातार इस बात की शिकायत कर रहे थे कि पिठोरिया के सांगा गांव में कुछ अवैध धंधा चल रहा है।
कुछ संदिग्ध लोगों का अक्सर उस घर में आना.जाना लगा रहता है। इससे ग्रामीणों के बीच भय का महौल रहता था। इसके बाद पूरी प्लानिंग के साथ पुलिस ने छापेमारी की और आरोपियों को दबोच लिया।
पुलिस ने ऐसे बिछाया जाल
आरोपी फारुख को पकड़ने के लिए पहले पुलिस ने जुगल लोहरा से उसे फोन करवाया। कहा कि हथियार खरीदने के लिए पार्टी आयी है। करकट्टा के समीप जंगल में जुगल ने उसे बुलाया।
इसके बाद पुलिस की टीम सादे लिबास में जंगल में छिप गई। जंगल में मौजूद आरोपी जुगल के पास जैसे ही फारूख पहुंचा, पुलिस की टीम ने उसे चारों ओर से घेर लिया।
पुलिस की टीम ने फारूख को दबोच लिया। तलाशी के दौरान उसके पास से एक देसी पिस्टल, दो गोली के अलावा अन्य हाथियार भी बरामद हुए।
खौफ इतना कि लोगों का गवाही से इनकार
आरोपी जुगल लोहरा और फारूख अंसारी का इलाके में खौफ इतना है कि दोनों के खिलाफ गवाही देने के लिए गांव में कोई तैयार नहीं हुआ है।
पुलिस ने जब आरोपी जुगल के घर पर छापेमारी कर हथियार जब्त किया, तब पुलिस ने आसपास में मौजूद लोगों को गवाही देने के लिए बुलाया।
लेकिन कोई भी ग्रामीण गवाही देने को तैयार नहीं हुआ। इस वजह से छापेमारी टीम में शामिल जमादार पारस मणि और हवलदार प्रमोद तिवारी को ही पुलिस ने गवाह बनाया है।