रांची: धनबाद के जज उत्तम आनंद की मौत के मामले में झारखंड हाई कोर्ट ने सीबीआई की जांच प्रगति रिपोर्ट को देखने के बाद एक बार फिर कड़ी नाराजगी जतायी।
अदालत ने अधिकारी से जानना चाहा कि चार्जशीट में कहा गया कि मोटिव नहीं था, लेकिन हाई कोर्ट में बताया जा रहा है कि मोटिव है। सीबीआई इस बिंदु पर जांच कर रही है।
यह दो तरह की जानकारी क्यों दी जा रही है? कोर्ट ने सीबीआई से इस मामले में शपथपत्र के साथ विस्तार से रिपोर्ट मांगी है। मामले की अगली सुनवाई 26 नवंबर को होगी।
झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच ने जज मौत मामले की सुनवाई शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की।
हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में सीबीआई की ओर से प्रगति रिपोर्ट पेश की गयी। रिपोर्ट के साथ निचली अदालत में पेश की गयी चार्जशीट के बारे में भी जानकारी दी गयी। सीबीआई की प्रगति रिपोर्ट देखने के बाद अदालत ने काफी असंतोष जताया।
हाई कोर्ट के अधिवक्ता आदित्य रमन ने बताया कि अदालत ने अधिकारी से पूछा कि निचली अदालत में जो चार्जशीट जमा की गयी है, उसमें कहा गया है कि साजिश के तहत हत्या नहीं की गयी है। हत्या से पूर्व उसे यह जानकारी नहीं थी कि वह जज थे।
हत्या के बाद उन्हें यह पता लगा कि वह जज थे। कोई मोटिव नहीं था, लेकिन प्रगति रिपोर्ट में कह रहे हैं कि मोटिव है। इस बिंदु पर सीबीआई मामले की जांच कर रही है। यह कैसे हो रहा है?
सीबाआई अधिकारी ने मौखिक रूप से अदालत को बताया कि 90 दिनों के भीतर चार्जशीट अदालत में पेश करनी थी। इस कारण से चार्जशीट पेश कर दी गयी, लेकिन जांच जारी है।
जांच में कई ऐसे बिंदु आये हैं, जिनसे यह स्पष्ट है कि हत्या में मोटिव दिख रहा है। इस पर अदालत ने उन्हें जांच आगे बढ़ाने का निर्देश देते हुए 26 नवंबर से पहले प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा।
उल्लेखनीय है कि 28 जुलाई की सुबह करीब पांच बजे धनबाद में सुबह की सैर पर निकले एडीजे उत्तम आनंद को एक ऑटो ने पीछे से आकर जोरदार टक्कर मारी थी। इस घटना में जज उत्तम आनंद की मौत हो गयी थी। यह पूरी वारदात वहां लगे एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी, जिसकी फुटेज किसी साजिश की ओर इशारा कर रही है।
सीसीटीवी फुटेज से साफ हुआ है कि जज उत्तम आनंद को जानबूझकर ऑटो से टक्कर मारकर उनकी हत्या की गयी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया था। हाई कोर्ट इस मामले की लगातार मॉनिटरिंग कर रहा है
। झारखंड पुलिस द्वारा प्रारंभिक दौर में इस मामले की जांच की जा रही थी, जिसके बाद सीबीआई ने इस केस को ले लिया है। सीबीआई की टीम लगातार इस मामले में अपनी जांच कर रही है।