रांची: भीमा कोरेगांव हिंसा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश में नक्सली प्रशांत बोस शामिल था।
सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत बोस ने खुद एनआईए की पूछताछ में यह कबूला है। गिरफ्तारी के बाद प्रशांत बोस सीबीआई समेत दूसरी जांच एजेंसियों के सामने लगातार कई बड़े-बड़े राज उगल रहा है।
विश्वस्त सूत्रों ने बताया कि रांची में जांच एजेंसियों द्वारा की गयी पूछताछ के दौरान प्रशांत बोस ने बताया कि पोलित ब्यूरो और सेंट्रल कमिटी की सारंडा से ओड़िशा होते हुए दंडाकरण्य तक रूट बनाने की योजना थी।
संगठन को मजबूत बनाने के लिए ऐसा किया जाना था। पूर्व में बम लगाने के एक्सपर्ट तकनीक में माहिर गणपति इसी रास्ते से सारंडा आया था, लेकिन ओड़िशा में संगठन कमजोर होने से यह रूट बंद हो गया था।
इस रूट को फिर से चालू करने की योजना पर काम चल रहा था, लेकिन इससे पहले ही वह गिरफ्तार हो गया।
प्रशांत बोस ने पूछताछ में एनआईए के सामने भीमा कोरेगांव हिंसा में अपनी संलिप्तता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश में शामिल होने की बात कबूली है।
उसके इस कबूलनामे के बाद एनआईए प्रशांत बोस को अलग से रिमांड पर ले सकती है। उल्लेखनीय कि इससे पहले भी एनआईए ने इस मामले में प्रशांत बोस के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।
बता दें कि प्रशांत बोस से बुधवार को झारखंड के विभिन्न जिलों की पुलिस के अलावा बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना पुलिस सहित राष्ट्रीय एजेंसी ने पूछताछ की।
दिल्ली से आयी केंद्रीय खुफिया एजेंसी की टीम ने भी कई सवाल किये। पूछताछ में प्रशांत ने संगठन के गठन और विस्तार की जानकारी दी।
झारखंड में सक्रिय एक-एक करोड़ रुपये के तीन इनामी नक्सली मिसिर बेसरा
साथ ही छत्तीसगढ़ और ओड़िशा के नक्सलियों के अलावा दंडाकरण्य इलाके में सक्रिय नक्सलियों और झारखंड में सक्रिय एक-एक करोड़ रुपये के तीन इनामी नक्सली मिसिर बेसरा, असीम मंडल और अनल दा के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है।
पूछताछ में यह भी पता चला कि प्रशांत बोस सारंडा में हाल के दिनों में को-ऑर्डिनेशन कमिटी की बैठक करनेवाला था। इस बैठक में राज्य के लगभग सभी बड़े माओवादियों को शामिल होना था। सारंडा में बैठक कर संगठन की आगे की रणनीति तय करने के लिए यह बैठक होनी थी।
इस बैठक में शामिल होने के लिए पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा ने अपने दो बॉडीगार्ड प्रशांत बोस के पास पारसनाथ भेजे थे। ये दोनों बॉडीगार्ड भी पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। इस को-ऑर्डिनेशन कमिटी की मीटिंग के सभी एजेंडों को भी प्रशांत बोस ने पुलिस को बताया है। प्रशांत बोस ने कई सवालों के जवाब अभी नहीं दिये हैं।
इसकी वजह उम्र अधिक होना भी बताया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि 12 नवंबर को भाकपा माओवादी के ईस्टर्न रीजनल ब्यूरो का सचिव और एक करोड़ रुपये के इनामी प्रशांत बोस उर्फ किशन दा, उसकी पत्नी शीला मरांडी उर्फ शीला दी, बिरेंद्र हांसदा उर्फ जितेंद्र, राजू टुडू उर्फ निखिल उर्फ बाजु, कृष्णा बाहदा उर्फ हेवेन और गुरुचरण बोदरा को गिरफ्तार किया गया था।
उसे सरायकेला जिला के कांड्रा थाना अंतर्गत गिद्दीबेड़ा टोल प्लाजा के पास चेकिंग के दौरान गिरफ्तार किया गया था। सांसद सुनील महतो की हत्या सहित 50 से अधिक मामलों में प्रशांत की तलाश पुलिस को थी।