रांची: रिम्स में सोमवार को गवर्निंग बॉडी की 53वीं बैठक हुई। इसमें रिम्स कैंपस में जन औषधि केंद्र के संचालन को लेकर एजेंसी के चयन को मंजूरी दी गयी। हालांकि, प्रबंधन ने एजेंसी के नाम पर से पर्दा नहीं हटाया है।
रिम्स सभागार में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता की अध्यक्षता में हुई बैठक में जन औषधि केंद्र के संचालन सहित अन्य मुद्दों पर निर्णय लिया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि बैठक में प्रोफेसर के प्रोमोशन पर निणर्य लिया गया है। उन्होंने कहा कि कोरोना के नये वैरिएंट ओमीक्रॉन की जांच के लिए जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन की खरीद पर मुहर लगी है।
एमजीएम जमशेदपुर और रिम्स रांची में एक-एक मशीन लगायी जायेगा। वर्तमान में कोरोना के नये वैरिएंट का पता लगाने के लिए सैंपल आईएलएस लैब भुवनेश्वर भेजा जाता है।
वहीं, दूसरी ओर से रिम्स शासी परिषद की बैठक में कई निर्णय लिये गये हैं। इनमें कैंसर मरीजों की सिकाई के लिए लीनियर एक्सीलेटर मशीन की मांग को लेकर झारखंड सरकार के प्रोक्योरमेंट कॉरपोरेशन में आवेदन दिया जायेगा।
कोरोना के नये वैरिएंट को देखते हुए अलर्ट पर
रहने की तैयारी है। 128 स्लाइस सीटी स्कैन मशीन की खरीद को स्वीकृति मिली। कार्यबल को बढ़ाने की स्वीकृति मिली।
बैठक में निर्णय लिया गया कि रिसर्च और टीचिंग में तीन-तीन फैकल्टी को टीचिंग एक्सीलेंस अवार्ड दिया जायेगा। 50 हजार, 25 हजार और दस हजार रुपये बतौर पुरस्कार दिये जायेंगे।
रिम्स में सफाई और सुरक्षा के लिए अब जो भी एजेंसियां काम करेंगी, उनके एग्रीमेंट में पेनाल्टी क्लोज रहेगा। एजेंसी द्वारा गड़बड़ियां पाये जाने पर शुरुआत में पेमेंट से पांच प्रतिशत और बाद में दस प्रतिशत की कटौती होगी।
दो साइंटिस्ट, दो टेक्नीशियन और एक फैकल्टी का चयन के फैसले समेत अन्य फैसले बैठक
में लिये गये। इसके अलावा कई अन्य निर्णय भी लिये गये हैं।बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, निदेशक डॉ कामेश्वर प्रसाद, कांके विधायक समरी लाल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि हाई कोर्ट की फटकार के बाद लगभग 90 दिन बाद रिम्स प्रबंधन ने शासी परिषद की बैठक की है।