रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने देवघर उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री को हटाये जाने के मसले पर चुनाव आयोग से नाराजगी जतायी है।
चुनाव आयोग ने सोमवार को मुख्य सचिव को पत्र जारी करते हुए डीसी को हटाने को कहा है। आयोग ने सांसद निशिकांत दुबे मामले में गलत तरीके से करायी गयी एफआइआर को लेकर नाराजगी जतायी है।
झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने आयोग के इस फैसले को गैर वाजिब औऱ राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप बताया है।
पार्टी कार्यालय में मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि जिला निर्वाचन पदाधिकारी के तौर पर डीसी और एसडीओ की अहम भूमिका होती है।
देवघर डीसी ने मधुपुर उपचुनाव के दौरान आयोग को शिकायत करते हुए कहा था कि सांसद दुबे लोगों के बीच कंफ्यूजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। टेंशन क्रिएट कर रहे हैं। कार्रवाई हो।
इसके बजाए डीसी को ही चार-पांच दिनों के लिए चुनाव कार्यों से हटा दिया गया। चुनाव बाद कोड ऑफ कंडक्ट हटने पर फिर से मंजूनाथ भजंत्री को देवघर डीसी की जवाबदेही दी गयी।
अब आयोग सांसद के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को आधार बना कर उन्हें हटाने को कह रहा है। यह असंवैधानिक है। उन्होंने कहा कि आयोग केंद्र सरकार की तरह राज्य के मामलों में अनावश्यक हस्तक्षेप करने में लगा है।
वह भाजपा के एक अग्रणी संस्थान के तौर पर काम करता दिख रहा है। इससे बचना होगा। राज्य में किस पदाधिकारी को क्या जिम्मेवारी मिलेगी, कहां मिलेगी यह सब देखने का संवैधानिक अधिकार राज्य सरकार का है।
ऐसे में आयोग को अपनी छवि और सीमाओं का ख्याल रखना होगा। लेट से प्राथमिकी दर्ज होना कोई मुद्दा नहीं है।