Election Commission said : मंजूनाथ भजंत्री को रांची डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित करने के आदेश को चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट के फैसले का उल्लंघन करार दिया है।
आयोग ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी को को पत्र लिख कर छह दिसंबर 2021 के आदेश का अनुपालन करने का कहा है। 15 दिनों में कार्रवाई रिपोर्ट आयोग को भेजने का आदेश दिया।
बता दें कि आयोग ने छह दिसंबर, 2021 को आदेश जारी कर देवघर के तत्कालीन उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री को पद से हटाने, विभागीय कार्यवाही करने और आयोग की अनुमति के बिना चुनाव कार्य से जुड़े पद पर पदस्थापित नहीं करने का आदेश दिया था।
न्यायालय ने दिया था यह आदेश
बता दें कि सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद भजंत्री की याचिका को स्वीकार कर लिया। इस फैसले के खिलाफ चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट में एलपीए (244/24) दायर की।
हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद 30 सितंबर 2024 को अपना फैसला सुनाते हुए चुनाव आयोग के आदेश को सही करार दिया। न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि आयोग का निर्देश मानना राज्य के लिए बाध्यकारी है। आयोग का आदेश नहीं मानना संविधान के मूल ढांचे पर प्रहार करने जैसा है।
चुनाव आयोग ने मांगा था स्पष्टीकरण
गौरतलब है कि चुनाव आयोग ने मधुपुर उप चुनाव में तत्कालीन उपायुक्त द्वारा आयोग के वोटर टर्न आउट एप और प्रेस कांफ्रेंस में अलग अलग आंकड़ा पेश किए जाने की वजह से उन्हें 26 अप्रैल 2021 को उपायुक्त के पद से हटा दिया गया था।
चुनाव आयोग ने इस पर उपायुक्त से स्पष्टीकरण पूछा। जवाब संतोषप्रद नहीं होने की वजह से छह दिसंबर, 2021 को आयोग ने उपायुक्त को हटाने और भविष्य में आयोग की अनुमति के बिना चुनाव से जुड़े काम में पदस्थापित नहीं करने का आदेश दिया था।
पर सरकार ने उन्हें पद से नहीं हटाया। 23 दिसंबर, 2021 को कार्मिक विभाग की ओर से आयोग के एक पत्र लिख कर कहा गया कि आयोग अपना आदेश वापस ले, क्योंकि आचार संहिता समाप्त होने के बाद इस तरह का आदेश देने का अधिकार आयोग को नहीं है।