रांची : राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने केंद्र सरकार के फैसले का विरोध किया है। लड़कियों की शादी की कानूनी उम्र अब 21 कर दी गयी है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लड़कों और लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र एक जैसी यानी 21 वर्ष कर दी है। विधेयक को मंजूरी मिल गयी है। हफीजुल हसन ने केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध किया है।
उन्होंने शुक्रवार को कहा कि सरकार को इसे बढ़ाने के बजाय कम करना चाहिए। इसे घटाकर 16 साल कर दिया जाना चाहिए। अगर 16 नहीं कर सकते, तो इसे 18 साल ही रहने दें।
मंत्री के इस बयान का भाजपा ने विरोध किया है। बोकारो से भाजपा विधायक विरंची नारायण ने कहा कि एक मंत्री को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए।
वह पार्टी के वरिष्ठ नेता भी हैं। झारखंड में लड़कियों की शादी के वक्त की औसत आयु देश की तुलना में 13 प्रतिशत अधिक है।
विरंची नारायण ने कहा कि अभी भी देश में 23.3 फीसदी लड़कियों का विवाह 18 साल से कम उम्र में हो जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में यह प्रतिशत 27 फीसदी है, यानी हर चार में से एक लड़की का विवाह 18 साल से कम उम्र में होता है।