रांची: कांग्रेस के मांडर विधायक बंधु तिर्की ने राज्य सरकार से मांग की है कि एससी-एसटी अधिकारियों के प्रोन्नति मामले में लगी रोक तत्काल हटाये।
साथ ही राज्य गठन के बाद एसटी-एससी कोटे के वरीय कर्मियों को प्रोन्नति से वंचित कर सामान्य वर्ग के कनीय कर्मियों को दी गयी प्रोन्नति को रद्द किया जाये।
रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए तिर्की ने अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के सरकारी सेवकों के प्रोन्नति मामले पर लगी रोक अबतक नहीं हटाये जाने को लेकर वरीय अधिकारियों को जिम्मेवार बताया है।
उन्होंने कहा कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार विभागीय मंत्री के रूप में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रोन्नति पर जारी रोक को हटाने की अनुमति दे दी है लेकिन अभी भी अधिकारियों द्वारा मामले में मंथन किये जाने से साफ है कि वे प्रोन्नति मामले को जानबूझ कर लटका रहे हैं।
उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि अगले मामले का समाधान एक सप्ताह के भीतर नहीं होता है, तो एसटी-एससी विधायक संघर्ष को विवश हो जायेंगे।
सीएम को सौंपी गयी रिपोर्ट के मुताबिक 57,182 पद प्रोन्नति के आधार पर भरे जायेंगे।
उल्लेखनीय है कि चार नवंबर को झारखंड सरकार की उच्च स्तरीय समिति ने प्रोन्नति मामले में सीएम और मुख्य सचिव को एक रिपोर्ट सौंपी थी।
रिपोर्ट में सरकारी सेवाओं में एससी, एसटी को प्रमोशन में आरक्षण जारी रखने की अनुशंसा की गयी है।