रांची: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) देशभर के सभी बड़े गैंगस्टर और झारखंड के माओवादियों को हथियार और कारतूस की सप्लाई मामले की जांच कर रही है।
इस मामले में एनआईए ब्रांच रांची ने बीएसएफ के पूर्व जवान अरुण कुमार उर्फ फौजी, ऋषि कुमार, पंकज कुमार और कार्तिक बेहरा को सात दिन की कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही है।
पूर्व में एटीएस थाने में दर्ज कांड संख्या 1/21 को एनआईए ने टेकओवर किया था।
एनआईए के एफआईआर के मुताबिक अविनाश सहित अन्य आरोपित भाकपा माओवादियों के साथ- साथ अमन साव के गैंग को हथियार और कारतूसों की सप्लाई करते थे।
इन हथियारों का इस्तेमाल कर सुरक्षाबलों पर हमला भी किया गया था। अमन साव गिरोह ने भी आपराधिक गिरोह के द्वारा सप्लाई किए गए हथियारों से भी कई वारदातों को अंजाम दिया है।
एनआईए के एफआईआर के मुताबिक, सिविल कांट्रेक्टर मुजाहिद खान और संजय सिंह माओवादियों को फंड और जरूरी सामान की सप्लाई करते थे।
मुजाहिद खान ने 250 राउंड इंसास की गोलियों की सप्लाई माओवादियों को पूर्व में की थी। इसके बदले मुजाहिद ने ऋषि कुमार को 1.75 लाख रुपये का भुगतान भी किया था।
गिरोह के ऋषि कुमार और अविनाश कुमार को एटीएस ने 450 कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था, जब वह अमन साव के गैंग को हथियार की सप्लाई करने जा रहे थे।
दोनों को चुटुपालू घाटी के शेख भिखारी भवन के पास से गिरफ्तार किया गया था।
हथियार और कारतूसों की सप्लाई करने वाले गैंग के तार देश के अलग-अलग हिस्सों से जुड़ रहे थे। एटीएस ने इस मामले में बीएसएफ के जवान को भी गिरफ्तार किया था। वहीं आधा दर्जन से अधिक जवानों की भूमिका अबतक की जांच में आयी है।
गिरोह के सदस्यों ने बीते छह सात सालों में यूपी, बिहार सहित कई राज्यों के बाहुबली नेताओं और गैंगेस्टरों को भी हथियार की सप्लाई की है। गिरोह के तार पूर्वी राज्यों के साथ-साथ मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, यूपी सहित अन्य राज्यों से जुड़े थे।
उल्लेखनीय है कि झारखंड एटीएस ने देश के पांच राज्यों में एक साथ छापेमारी की थी। मामले में नौ आरोपित गिरफ्तार किए गए थे।
इनमें सीआरपीएफ के जम्मू-कश्मीर के पुलवामा स्थित कैंप का भगोड़ा जवान अविनाश कुमार उर्फ चुन्नू शर्मा, बीएसएफ के पंजाब के फिरोजपुर स्थित 116 बटालियन से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले चुका जवान अरुण कुमार,
इसी कैंप का कोत प्रभारी पद्मपुर सरायकेला-खरसांवा का निवासी हवलदार कार्तिक बेहरा, मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के खखनार, पचौरी निवासी कुमार गुरलाल ओचवारे, शिवलाल धवल सिंह चौहान, हिरला गुमान सिंह ओचवारे, बिहार के पटना सलीमपुर निवासी ऋषि कुमार, बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के सकरा प्रखंड के सिमरी गांव निवासी पंकज कुमार सिंह और भोजपुर जिले के कारथ तरारी गांव निवासी कामेंद्र सिंह शामिल हैं।
कब कब हुई थी कार्रवाई
-25 नवम्बर 2021 को एटीएस ने झारखंड में नक्सलियों और अपराधियों को हथियार तथा गोली की सप्लाई करने वाले गिरोह के पांच अपराधी को गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तार अपराधियों में बीएसएफ के कांस्टेबल कार्तिक बेहरा, बीएसएफ के रिटायर हवलदार अरुण कुमार सिंह, कुमार गुरलाल ओचवारे, शिवलाल धवल सिंह चौहान और हिरला गुमान सिंह ओचवारे शामिल थे।
इनके पास से पुलिस ने 14 पिस्टल, 21 मैगजीन, 9,213 राउंड गोली, खाली खोखा, डेटोनेटर, बाइक और मोबाइल बरामद किया गया था।
-16 नवम्बर 2021 एटीएस ने नक्सली और विभिन्न आपराधिक गिरोहों को हथियार तथा कारतूस उपलब्ध कराने वाले गिरोह के तीन सप्लायर को गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तार हथियार सप्लायरों में सीआरपीएफ 182 बटालियन का आरक्षी अविनाश कुमार उर्फ चुन्नू शर्मा, ऋषि कुमार और पंकज कुमार सिंह शामिल थे। इनके पास से 5.56 एमएम का 450 चक्र गोली बरामद किया गया था।
-18 नवम्बर 2021 को एटीएस ने पश्चिम बंगाल के चिरकुंडा के रहने वाले हथियार सप्लायर कामेंद्र सिंह को धनबाद से गिरफ्तार किया था ।
कामेंद्र मूल रूप से बिहार के भोजपुर जिले का रहने वाला है। इसके पास से एटीएस ने दो पिस्टल, 14 कारतूस, तीन मैगजीन और एक बुलेट बरामद किया था