रांची : झारखंड देशभर में दूसरा सबसे गरीब राज्य है। यहां की 42.16 प्रतिशत आबादी गरीब है। और तो और, जिस राजधानी रांची में हाल ही में त्योहारों के मौके पर एक दिन में करोड़ों रुपये की खरीदारी हुई, उस रांची में 27.70 प्रतिशत आबादी गरीबी में जी रही है।
ये आंकड़े नीति आयोग द्वारा जारी की गयी रिपोर्ट में हैं। नीति आयोग ने इसी महीने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें मल्टीडायमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स (बहुआयामी गरीबी सूचकांक) जारी किया गया है।
इस इंडेक्स में झारखंड को देश का दूसरा सबसे गरीब राज्य घोषित किया गया है। इसके मुताबिक, झारखंड की 42.16 प्रतिशत आबादी गीरीबी में जी रही है।
सबसे ज्यादा गरीब राज्य बिहार, सबसे कम केरल
इस इंडेक्स में 51.91 प्रतिशत गरीब आबादी के साथ बिहार देशभर में पहले नंबर पर विराजमान है। वहीं, तीसरे नंबर पर उत्तरप्रदेश है, जिसकी 37.79 प्रतिशत आबादी गरीब है। वहीं, देशभर में गरीबों की सबसे कम आबादी वाला राज्य केरल है, जहां मात्र 0.71 प्रतिशत लोग ही गरीब हैं।
झारखंड में चतरा सबसे ज्यादा गरीब आबादी वाला जिला
नीति आयोग द्वारा जारी इस बहुआयामी गरीबी सूचकांक के मुताबिक, झारखंड में चतरा सबसे ज्यादा गरीब आबादी वाला जिला है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, चतरा की 60.74 प्रतिशत आबादी गरीब है।
झारखंड में सबसे गरीब जिला पूर्वी सिंहभूम है। रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वी सिंहभूम में 23.99 प्रतिशत आबादी गरीब है। वहीं, राजधानी रांची में 27.70 प्रतिशत आबादी गरीब है।
आइये जानते हैं कि नीति आयोग द्वारा जारी बहुआयामी गरीबी सूचकांक के मुताबिक झारखंड में किस जिले में कितनी आबादी गरीब
(घटते क्रम में) है-
1. चतरा- 60.74 प्रतिशत
2. पाकुड़- 60.66 प्रतिशत
3. पश्चिमी सिंहभूम- 57.60 प्रतिशत
4. साहेबगंज- 55.60 प्रतिशत
5. गढ़वा- 53.26 प्रतिशत
6. दुमका- 52.93 प्रतिशत
7. लातेहार- 52.71 प्रतिशत
8. गोड्डा- 51.81 प्रतिशत
9. जामताड़ा- 50.56 प्रतिशत
10. सिमडेगा- 49.98 प्रतिशत
11. खूंटी- 48.65 प्रतिशत
12. गिरिडीह- 47.88 प्रतिशत
13. देवघर- 47.4 प्रतिशत
14. गुमला- 46.7 प्रतिशत
15. पलामू- 45.54 प्रतिशत
16. लोहरदगा- 45.4 प्रतिशत
17. सरायकेला-खरसावां- 41.79 प्रतिशत
18. हजारीबाग- 35.75 प्रतिशत
19. कोडरमा- 32.68 प्रतिशत
20. रामगढ़- 29.80 प्रतिशत
21. बोकारो- 29.49 प्रतिशत
22. धनबाद- 28.57 प्रतिशत
23. रांची- 27.70 प्रतिशत
24. पूर्वी सिंहभूम- 23.99 प्रतिशत
इन आयामों में खराब स्थिति के आधार पर तैयार हुई रिपोर्ट
नीति आयोग द्वारा जारी बहुआयामी गरीबी सूचकांक रिपोर्ट को देश के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में रह रही आबादी की कई आयामों में खराब स्थिति के आधार पर तैयार किया गया है।
इनमें स्वास्थ्य (पोषण, शिशु एवं किशोर मृत्यु दर, मातृ स्वास्थ्य), शिक्षा (स्कूल में बिताये गये वर्ष, स्कूल में उपस्थिति) और जीवन स्तर (खाना पकाने का ईंधन, स्वच्छता, पेयजल, बिजली, मकान, परिसंपत्तियां, बैंक खाता) आयाम शामिल हैं।