रांची: प्राईवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन (पासवा) ने कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत स्कूलों को खोले जाने की मांग को लेकर शीघ्र निर्णय लेने की मांग की है।
अन्यथा राज्य के अभिभावक, शिक्षक, बच्चे सड़क पर उतर कर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
पासवा के प्रदेश अध्यक्ष आलोक कुमार दूबे ने रविवार को कहा कि पिछले दो वर्षों से झारखंड में स्कूल बंद रहने के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित है।
वहीं दूसरी ओर पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ और सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र में भी स्कूलों को खोलने का निर्णय ले लिया गया है। ऐसी स्थिति में अब बिना विलंब किये, स्कूलों को खोला जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि कई धार्मिक और सामाजिक संगठनों की ओर से समय-समय पर पर्व-त्योहार मनाये जाने की मांग को लेकर मंदिर-मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च को खोलने की मांग की जाती है लेकिन अब तक पासवा को छोड़ कर किसी भी संस्था की ओर से बच्चों की पढ़ाई को लेकर स्कूलों को खोलने की मांग नहीं उठायी गयी है।
उन्होंने कहा कि जब झारखंड सहित देश-दुनिया के बुद्धिजीवी यह कह रहे है कि यदि स्कूलों और अब और अधिक समय तक बंद रखा गया, तो आने वाली पीढ़ी की बौद्धिक क्षमता प्रभावित होगी।
इससे निपटने के लिए स्कूलों को खोलने पर सरकार को विचार करना चाहिए।