रांचीः राजधानी रांची की कोकर स्थित हैदर अली गली अब बजरंग नगर के नाम से जानी जाएगी। इस संबंध में पिछले वर्ष नगर निगम की बोर्ड मीटिंग में ही प्रस्ताव रखा गया था, जिसे बोर्ड की स्वीकृति मिल चुकी थी।
इसके बाद मंगलवार को वार्ड 10 के पार्षद अर्जुन यादव, विश्व हिन्दू परिषद के गंगा प्रसाद यादव समेत स्थानीय लोगों की मौजूदगी में गली का नया नामकरण बजरंग नगर कर दिया गया।
इस अवसर पर भारी संख्या में स्थानीय बुद्धिजीवि लोग मौजूद थे। इधर, नाम बदलकर बजरंग नगर करने का आमया ने विरोध किया है।
क्या कहते हैं वार्ड 10 के पार्षद
इस संबंध में वार्ड 10 के पार्षद अर्जुन यादव ने बताया कि नगर निगम बोर्ड की बैठक में पिछले वर्ष ही प्रस्ताव रखा गया था, जिसे बोर्ड की बैठक में स्वीकृति दी गई थी।
पार्षद ने कहा कि यहां अधिकतर सनातनी समाज के लोग ही रहते हैं। लेकिन हैदर अली गली नाम होने से लोगों काे लगता था कि यहां एक समुदाय विशेष के लोग रहते हैं। इसलिए लोग इसका नाम बदलने की मांग करने लगे थे। इसमें कोई राजनीति नहीं है।
मोहल्ले के बुद्धिजीवियों के साथ मंत्रणा
बताया गया कि हैदर अली गली के नए नामकरण को लेकर मोहल्ले के बुद्धिजीवियों के साथ कई दौर की बैठकें हुईं। इसमें सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि चूंकि अब यहां समुदाय विशेष के लोग नहीं रहते हैं।
ऐसे में कनफ्यूजन की स्थिति से बचने के लिए इसका नया नामकरण करना जरूरी हो गया है। इसके बाद इससे संबंधित प्रस्ताव नगर निगम की बोर्ड मीटिंग में लाया गया, जहां बोर्ड की बैठक में नए नामकरण की मंजूरी मिल गई।
इसके बाद हैदर अली गली का नया नामकरण मंगलवार को बजरंग नगर कर दिया गया।
क्या है इतिहास
जानकार बताते हैं कि ब्रिटिश हुकुमत के दौरान हैदर खान नामक डिप्टी कमिश्नर यहां घर बनाकर रहते थे। उस समय उन्होंने यहां बड़ी संख्या में समुदाय विशेष के लोगों को लाकर बसाया भी था।
इसी वजह से इसका नाम हैदर अली गली पड़ गया। लेकिन, आजादी के बाद 1967 में रांची में जब दंगा भड़का तो हैदर खान अपनी जमीन-जायदाद बेचकर यहां से चले गए। साथ ही समुदाय विशेष के लोग भी यहां से धीरे-धीरे चले गए, लेकिन नाम हैदर अली गली ही रह गया।