रांची: राजधानी रांची स्थित रिम्स अस्पताल में व्यवस्थाओं को सुदृढ करने में रिम्स प्रबंधन जुट गया है।
रिम्स राज्य का सबसे बड़ा अस्पताल है। यहां हरेक दिन हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं। इसी क्रम में रिम्स में काम करने वाले डॉक्टर, नर्स सभी कर्मियों का इंश्योरेंस कराया जाएगा।
इससे किसी भी परिस्थिति में उन्हें या उनके परिजनों को कोई परेशानी न झेलनी पड़े। इसे लेकर रिम्स प्रबंधन ने तैयारी शुरू कर दी है।
उल्लेखनीय है कि कोविड से रिम्स के कई डॉक्टरों और स्टाफ की जान चली गई थी। इसके बाद कुछ को तो रिम्स के फंड से सहायता राशि दी गई।
लेकिन कई ऐसे भी स्टाफ रहे जिन्हें समुचित मदद नहीं मिली। इसके बाद ही रिम्स की जीबी (जनरल बॉडी) ने सभी का इंश्योरेंस कराने पर सहमति जताई है।
हॉस्पिटल के अलग-अलग विभागों में डॉक्टर से लेकर स्टाफ को मिलाकर 1500 लोग हैं, जिनका इंश्योरेंस कराया जाएगा। इंश्योरेंस के तहत इलाज की सारी सुविधाएं मिलेंगी।
वहीं दूसरी ओर अगर किसी की मौत हो जाती है तो उसका क्लेम परिजनों को दिया जाएगा। इस संबंध में रिम्स के डिप्टी सुपरिटेंडेंट मेजर डॉ शैलेश कुमार त्रिपाठी ने कहा कि प्रक्रिया शुरू हो गई है।
जैसे ही विभाग से अप्रूवल मिलता है और इंश्योरेंस कंपनी को फाइनल किया जाता है तो डॉक्टर और स्टाफ इंश्योर्ड हो जाएंगे। इसके बाद उन्हें सारी सुविधाएं मिलने लगेगी।
उल्लेखनीय है कि हॉस्पिटल के सीनियर रेजीडेंट (एसआर) डॉ सिराजुद्दीन को कोविड हुआ था। इसके बाद बेहतर इलाज के लिए उन्हें प्राइवेट हॉस्पिटल में ले जाया गया, जहां स्थिति बिगड़ गई और उनकी मौत हो गई।
इस दौरान उनके परिजनों की मदद के लिए प्रबंधन आगे नहीं आ रहा था। जूनियर डॉक्टरों ने इसे लेकर आंदोलन छेड़ दिया था, तब जाकर प्रबंधन ने उसके परिजनों को सहायता राशि देने का आदेश दिया।
इसके अलावा कई नर्स की भी कोविड की चपेट में आने के बाद मौत हो गई थी।