रांची: रांची से सांसद संजय सेठ ने मंगलवार को लोकसभा सत्र के दौरान सरकार के समक्ष देश का नाम सिर्फ भारत रखने का आग्रह किया।
सेठ ने कहा कि जब इस देश का नाम अनादि काल से भारत रहा है, तो फिर इंडिया दैट इज भारत कहने और लिखने या बोलने की जरूरत ही क्यों हैं।
सांसद ने कहा कि हमें हर चीज के लिए अंग्रेजों से उधार लेने की आवश्यकता क्यों है। मध्यकाल में सिंधु को जब तुर्की और ईरानी सिंधु नहीं कह पाए तो उन्होंने इसे हिंदू कहा।
इस प्रकार देश का नाम भारत होने के बावजूद हिंदुस्तान हो गया, जिसे हम हिंदुस्तान कहने लगे।
संजय सेठ ने कहा कि अंग्रेजों को जब हिंदुस्तान कहने-बोलने में परेशानी हुई, तो उन्होंने सिंधु घाटी जिसे कभी इंदु वैली भी कहा जाता था, उससे प्रभावित होकर भारत को इंडिया के नाम से पुकारा।
ऐसे में विदेशियों के द्वारा दिए गए नाम से प्रभावित होकर इंडिया दैट इज भारत कहना भारत जैसे विशाल देश और उसकी महान गौरवशाली संस्कृति का अपमान है।
ऐसे भी देखा जाए तो अंग्रेजों के द्वारा इंडिया कहने के पूर्व इस देश का नाम मनीषियों ने कई नामों से पुकारा, भारतवर्ष, आर्यावर्त, ब्रह्मावर्त, जम्बूद्वीप आदि नाम भारतीय ग्रंथों में दिए गए।
ऐसे गौरवशाली नामों को विस्मृत कर भारत का पर्याय इंडिया को बना देना, फिर इंडिया नाम को ही सार्वभौमिकता प्रदान करते हुए इंडिया दैट इज भारत कहना न्याय संगत नहीं है।
उन्होंने सदन के माध्यम से सरकार से आग्रह किया कि भारत का नाम सिर्फ भारत हो। इंडिया दैट इज भारत कहने और लिखने की परंपरा समाप्त हो। संविधान में लिखे गए ऐसे वाक्यों में सुधार हो और भारत को सिर्फ भारत के नाम से ही हम जानें, इस दिशा में काम किया जाए।