रांची: जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (JDA) ने बुधवार को रिम्स अस्पताल में ओपीडी का बहिष्कार कर दिया। इस दौरान जेडीए के डाक्टरों ने शांतिपूर्ण तरीके विरोध जताया।
दिल्ली के रेजीडेंट डॉक्टरों पर पुलिस बर्बरता के विरोध में जेडीए ने ओपीडी का बहिष्कार किया।
इस बहिष्कार में 500 से अधिक जूनियर रेजीडेंट ने सक्रिय रूप से भाग लिया। आंदोलन को सीनियर फैकल्टी और सीनियर डॉक्टरों के अलावा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) का भी जोरदार समर्थन मिला।
जूनियर डाक्टरों के बहिष्कार का असर मरीजों पर पड़ा लेकिन जेडीए ने दूर दराज से आए गंभीर मरीजों को ओपीडी बंद होने के बाद भी इलाज किया।
इतना ही नहीं, इसके लिए सेंट्रल इमरजेंसी में अलग अलग विभाग के डॉक्टरों की ड्यूटी लगवाई ताकि सभी मरीजों को इलाज मिल सके।
इस संबंध में जेडीए के अध्यक्ष डॉ विकास कुमार ने कहा कि सरकार जल्द से जल्द नीट पीजी काउंसलिंग 2021 की प्रक्रिया शुरू करे ताकि घर बैठे 40,000 डॉक्टर जल्द से जल्द एडमिशन ले सकें। मरीजों की सेवा कर सकें।
इस अवसर पर डॉ सुजीत मुर्मू, अमित रंजन, नीतू, श्रेया, प्रकृति आदि मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि नीट पीजी की काउंसलिंग नहीं होने के कारण दिल्ली में आंदोलनरत डॉक्टरों पर पुलिस द्वारा बर्बरतापूर्ण कार्रवाई की गयी।
इससे आक्रोशित रिम्स के जूनियर डॉक्टरों ने आज ओपीडी सेवा का बहिष्कार करते हुए ताला जड़ दिया था।